भारत ,जहाँ कहा जाता है “कोस-कोस पर पानी , तीन कोस पर बानी ” इस परिदृश्य में देश के विभिन्न भाषा -भाषाई जन को एक सूत्र में पिरोने वाली हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी की गरिमा ,मान -सम्मान, विश्वव्यापी पहचान और स्थान, पाठ्यक्रमों में हिंदी , राजकीय कार्य की भाषा हिंदी ,न्यायालयों […]

यदि भारतीय भाषाओं के नजरिए से लोकसभा चुनाव 2019 को देखा जाए तो इसमें दो बातें महत्वपूर्ण हैं, एक तो यह है कि भारतीय भाषाओं के जरिए लोकसभा चुनाव के दौरान किसने क्या पाया ? और दूसरा यह कि इस चुनाव में भारतीय भाषाओं ने क्या पाया ? या यूं […]

क्या ज़्यादा कीचड़ उछलने के कारण ही ज़्यादा खिला कमल? दरअसल बीजेपी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन द्वारा सत्ता में पुनर्वापसी के कारणों को राजनीतिक पंडित अलग-अलग तरह से समझने की कोशिश कर रहे हैं। जहाँ कुछ  इसका कारण मोदी लहर को मानते हैं, वहीं ऐसे भी कम नहीं हैं, जो […]

वाह! अजब रूप और गजब कहानी। वाह रे सियासत तेरे रूप हजार। देश की चिंता किसे है आज के समय में यह समझ पाना अत्यंत जटिल हो गया है। इसलिए कि आज देश की सियासी पार्टियां अपना जो रूप दिखा रही हैं वह अत्यंत जटिल एवं मस्तिष्क को चकरा देने […]

सबके मन में “शिक्षा में सुधार कैसे हो ? “यह विचार रहता है। नेता, मीडिया, पदाधिकारी से लेकर आम आदमी हर कोई इसमें सुधार हेतु प्रयासरत हैं। सब अपनी तरफ से किये गये प्रयासों की सराहना चाहते हैं, पर किसी को वास्तव में शिक्षा में सुधार हो रहा है या […]

साथियों,मुझे बहुत ही गहरा एहसास हुआ एक इंसान की मातृ भक्ति को देखकर कि कैसे वो अपनी बूढ़ी माँ की सेवा करता है। दोस्तों कुछ भी करो,कितने भी दयालु बनो,दान-धर्म करो, परन्तु यदि वो इंसान अपने माता-पिता की सेवा या उनका आदर नहीं करता तो वो कभी भी सुखी नहीं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।