वर्तमान में बच्चों के भारी होते बस्तों से सभी त्रस्त हैं, लेकिन प्रतिस्पर्धा और सबसे आगे रहने की चाह में खुलकर कोई भी इसका विरोध नहीं करता हैl न ही खुद से कोई पहल ही करता है,क्योंकि बदले समय के लिहाज से अब यह आवश्यक लगता है। डिजिटल युग में […]

(बाल दिवस विशेष)  भारत में हम प्रत्येक वर्ष १४ नवम्बर को पं.जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाते हैं,लेकिन आज भी देश के करोड़ों बच्चे दो जून की रोटी को मोहताज है। जिस उम्र में इन बच्चों के हाथों में स्कूल जाने के लिए किताबों से […]

गुरुग्राम के निजी स्कूल में हुई अत्यंत घृणित और नीच हरकत ने पूरे देश के पालकों को डरा दिया है,मगर आखिर कब तक हम लचर और लाचार व्यवस्थाओं की सड़ी-गली बदबूदार गलियों के चक्कर खाते शिक्षा के सुधरने की बाट जोहते रहेंगे। एक अंधी होड़ है बस कैसे भी करके […]

आसाराम-सिंधी है,राम रहीम-सिख जाट, रामपाल भी जाट,राधे माँ-खत्री सिख है तो जय गुरुदेव-अहीर हैं…यह सब गैर ब्राह्मण बाबा हैं। इन्हीं लोगों ने सनातन धर्म का सत्यानाश किया है। ब्राह्मणों का क्या महत्व है, अब सबको समझना चाहिए। परशुराम जी ब्राह्मण थे,शंकराचार्य जी भी ब्राह्मण थे और चाणक्य भी ब्राह्मण थे,जिन्होंने […]

  भ्रष्टाचार आज देश की है,हकीकत, इसने मेरे देश का किया है रूप,विकृत l कभी अपराधी बन के नेता तो, कभी अभिनेता बन के नेता बताते हैं अपनी असली,फितरत l कला और प्रतिभा एक कोने में छिप जाती है, धन ही दिखाता है अपनी असली,मूरत l ऊपर का हो या […]

एक हवा-सी चली है एक विशेष वर्ग को भड़काकर उनके हिमायती नेता बनने के चक्कर में ब्राम्हणों को विदेशी आक्रांता बताते हुए बुरा बोलने की। ब्राम्हणों को विदेशी बताने वाले स्वघोषित मूल निवासियों की मानसिक दशा देखकर यही प्रतीत होता है कि वे अपने मूल को भूल चुके हैं। स्पष्ट […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।