आज कि कविता एक नितान्त भाव है. जहाँ मैं पुरुष समाज की मांसिक स्तिथि को समझने की कोसिस कर रही हूं. कल मेरा सात साल का बेटा मुझसे पूछ बैठा, माँ तुम सबसे ज्यादा प्यारी किसे करती हो, उस वक़्त मै वात्सल्य मे डूबी असीम आनंद से सरोबार थी. मैने […]

मध्य प्रदेश के रायगढ़ जिल्लेमे जीरी गाँव में गावमे स्थानिक “मालवी” भाषा बोली जाती थी | ये गाँव में १२०० लोगोंकी बस्ती में ८०% अनपढ़ है | लेकिन २००७ से वहां गाँव में सभी लोग अंग्रेजी के ज़माने में संस्कृत भाषा में अपना व्यवहार करते है | संस्कृत भाषा से […]

प्लास्टिक ज़िन्दगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। अमूमन हर चीज़ के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है, वो चाहे दूध हो, तेल, घी, आटा, चावल, दालें, मसालें, कोल्ड ड्रिंक, शर्बत, सनैक्स, दवायें, कपड़े हों या फिर ज़रूरत की दूसरी चीज़ें सभी में प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा […]

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को मैं बधाई दिए बिना नहीं रह सकता। अब वे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का नाम बदलकर उच्च शिक्षा आयोग कर रहे हैं। इसका नाम ही नहीं बदलेगा, अब इसका काम भी बदलेगा। जहां तक नाम बदलने का सवाल है, मानव संसाधन मंत्रालय का नाम […]

आज स्वार्थवृत्ति इतनी अधिक बढ गई है कि अपने सामान्य स्वार्थ के लिए भी व्यक्ति अन्य जीवों के प्राण ले लेता है। सांप ने नहीं काटा हो तब भी ‘यह विषैला प्राणी है, कदाचित् काट लेगा’, इस भय से उसे मार दिया जाता है। आज स्वार्थी मनुष्य जितना हिंसक व […]

 रोटी-कपडा-मकान जीवन के अनिवार्य तत्व थे,  दौर में दवाई-पढाई-कमाई-आवाजाई और वाई-फाई जुड गए हैं । क्या इनके बिना अब जीवन की कल्पना की जा सकती हैं, कदाचित नहीं ! हम बात करें शि‍क्षा और स्वास्थ्य की तो वह दयानतहारी बनी हुई हैं, उसमें सुधार की और अधि‍क गुजांईश है। गौरतलब संविधान में शि‍क्षा और स्वास्थ्य […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।