डोरबैल क़ी आवाज सुनते ही रसोई से बोली प्रीति, डोर बैल की आवाज़ सुनते ही रसोई से बोली प्रीति,” ममा जरा देखना, रितु ही होगी । कह रही थी कुछ देर में आने को ।” सविता जी ने दरवाजा खोला तो रितु ही थी । ”हलो आंटी कैसी हैं ? […]
गुड्डे-गुड़िया और घरोंदा से जुड़े किस्से कहानियाँ यकीनन हम सभी की बचपन की यादों में संभले रखे होंगे । घरौदा—>बडो के बड़े से घर के अंदर छोटों का छोटा सा घर ,, “घरौंदा” अगर अपनी समझ से कहूँ तो बड़ों की नाक के नीचे बडो के नियंत्रण से रहित पनपती […]
कालिज में वार्षिकोत्सव की तैयारियाँ चल रही थी,इसीलिए हर रोज आते -आते शाम के पांच बज जाते थे।वैसे भी नवम्बर का महीना चल रहा था।शाम का धुंधलका -सा होने लगा था।गाड़ी से उतरी तो देखा कालोनी में और दिनों की तरह बच्चों की चहल पहल नहीं थी,अन्यथा इस समय तो […]
एक नेता जी अपने चमचो -चांटो के साथ गरीबों को कंबल बांट रहे थे। तमाम गरीब उन्हें घेरे थे। तभी अचानक वहाँ एक दूसरे नेता आ टपके पहले नेता से कंबल छीनकर गरीबों को देने लगे।अफरा -तफरी छीना- झपटी मच पडी।लोग एक दूसरे पर गिरने -पडने लगे।दो नेताओं की हू […]
यूं ही चलते चलते मैंने रितिका से पूछ लिया था कि ‘पानीपूरी खाओगे’ , उसने हाँ में गर्दन हिलाते हुए कहा- हाँ, जरूर, तुम जो खिला रहे हो ! हम रोड क्रॉस करते हुए पानी पूरी वाले के पास गए! दोनों पानीपुरी खाने लगे ! वैसे तो रितिका और मैं […]
एक महिला दरोगा बहुत व्यथित थी। एक फोन उसे दिन -रात परेशान कर रहा था। किसी तरह फोन करने वाले का पता किया। फिर दल- बल से उसे थाने उठा लायी। उनकी सेवा- पानी हुई। उसके घर वाले कह रहे थे, मानसिक रूप यह बीमार है, दरोगा कह रही थी, […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।