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उल्लास,उमंग और जोश से भरा एक कारवाँ अपने पूरे चरम पर था.., जहाँ हर कोई उत्साह से लबरेज था.. पर यह क्या,सामने आंखों में अश्रु समेटे एक किशोरी रथ की ओर बढ़ी चली आ रही थी….। वो ठहरी और भीड़ के भगवान को सांत्वना देती हुई निकल गई…।भगवान जी के […]

(गुरुदेव श्री विद्यासागर महाराज को समर्पित) एक संत विरला, जग के कल्याण को निकला। धर्ममय राष्ट्र को परिभाषित किया, राष्ट्र में धर्म को समाहित किया। जिनका धर्म राष्ट्र है, जो श्रमण सम्राट है। एक जैनाचार्य लिखते धर्म की इबारत, मगर ह्रदय में सबसे पहले भारत। पशु धन बचाओ, मांस निर्यात […]

मेरा सब कुछ मधुकर परिवार, गुरुवर आ जाओ एक बार, मधुकर आ जाओ,गुरु आ जाओ.. गुरु आ जाओ एक बार। मेरी नैया पार लगा जाओ,मेरी बिगड़ी बात बना जाओ, नित ह्रदय करे पुकार,मधुकर आ जाओ एक बार… मेरा सब कुछ मधुकर परिवार,गुरुवर आ जाओ एक बार…l लाखों को दरश दिखाया […]

अगर हमारे शरीर में केवल पिन चुभ जाए तो हम कराह उठते हैं,सोचो जिन जीवों पर कटार चलती है उन्हें कितनी पीड़ा होती होगी? अगर हम एक मांसाहारी को प्रेरणा देकर शाकाहारी बनाने में सफल हो जाते हैं तो,हमें अड़सठ तीर्थों की यात्रा जितना पुण्य घर बैठे मिल जाएगा। महावीर […]

श्रीराम भक्त है हनुमान, शक्ति के पुंज हैं हनुमान। साहस,वीरता के प्रतीक, आज भी चैतन्य हनुमान।। है शिव अवतारी हनुमान, लाल लंगोट धारी हनुमान। लाल रंग इनको मन भाए, अंजलि के लाल हनुमान।। धीर,वीर,गंभीर हनुमान, भक्ति की व्याख्या हनुमान। सीताराम के अनन्य भक्त, सीने में बसाए हुए हनुमान।। संकट मोचक […]

भारत में कई प्रकार का मौसम होता है,लेकिन `चरणपादुकीकरण` यानी `चप्पलीकरण` का कोई मौसम नहीं होता। यह पश्चिमी विक्षोभ की तरह कभी भी आ जाता है। बरसता है और चला जाता है। यह परम्परा राजा राम के समय से चली आ रही है। इसका जनक भरत को माना जाता है। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।