तीन रंग से बना तिरंगा, ये आत्मा है अपनीl तिरंगा शान है अपनीll सीमा पर लहराता तिरंगा, पहचान है अपनीl तिरंगा शान है अपनीll कभी झुकने न देना तिरंगा, बलिदानी इज्जत है अपनीl तिरंगा शान है अपनीll सैनिक की शौर्य गाथा तिरंगा, ये अमर वीरता है अपनीl तिरंगा शान है […]

मेरा देश रो रहा है, कैसे इसे आज़ाद मानूं ? ये जकड़ा है सम्प्रदायिक ताकतों से, कैसे इसे आज़ाद मानूं ? ये पटा पड़ा है, विदेशी कंपनियों से कैसे इसे आज़ाद मानूं ? महिला जहाँ सुरक्षित नहीं, कैसे इसे आज़ाद मानूं ? जिस देश में बच्चियों को एक सांस नसीब […]

छल रही है जिंदगी, चल रही है जिंदगी। है कभी मिठास तो, है कभी खटास भी। महफिलें सजी हुई, है कभी वनवास भी॥ ढल रही है जिंदगी, चल रही है जिंदगी। उम्मीदों के तूफान है, डूब का अनुमान है। हौंसलों की नाव पर, किनारों का अरमान है॥ संभल रही है […]

किसी की रूह से जुड़कर उसका वजूद लूटने वाले खुद की तलाश में मारा- मारा, फ़िर रहा वो आवारा। तुम क्या जानो-क्या होती है तन्हाई,चीखती खामोशी, तुम्हें एहसास नहीं कराया मैंने बंद कमरे में कैद-घुटन का। वो चिलमिलाती धूप-सी चुभती तेरी यादें, आंखों में खून ला देती हैं लेकिन तुम […]

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आँखों में ना है पानी,दिल में नहीं मुहब्बत, इंसान के सीने में,हर दिल बदल रहा है। उड़ते बेखौफ पंछी,अपनी ही मौज में। सरहदे बंट रही है,आसमां, बदल रहा है॥ गुस्ताखी माफ़ हो गर,कह दूँ कुछ गलत मैं। लौटा दो वे बहारें, ‘मन’ की यही दुआ है। जाने क्यों आजकल,मौसम बदल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।