खत वही फिर से……. आंखों को सराबोर करने वाला, पलकों को भारी करने वाला। मिला तुम्हारा खत फिर से॥ निचोड़ देती है कल्पनाएं, अपने अस्तित्व की कहानी। बेजुबान जिज्ञासा की बौखलाहट से, आत्मा अंदर ही अंदर दम तोड़ देती है। अंतर्द्वंद से घबरा उठता है तब मन, और उत्तर […]

खुद से रूबरू हो गए, लो फिर शुरू हो गए। कल तक जो बेहिज़ाब थे, आज वो आबरू हो गए। वफ़ा हमने की उनसे, और वो सुर्खरू हो गए। इज्जत बचाने निकले थे, रास्ते में बेआबरू हो गए। जमाने को पढ़ाने लगे, हम सब के गुरु हो गए।     […]

मित्रों,समय-समय पर सीमा पर नापाक पाकिस्तान द्वारा कायरतापूर्ण तरीके से हमारे वीर जवानों की हत्या करके उनके शीश काटकर ले जाना अब आम बात हो गई है। ऐसा क्यूँ होता है,सुनिए एक भुक्तभोगी जवान शहीद हेमराज की जुबानी मेरे शब्दों में.. तर्ज-ऐ मेरे वतन के लोगों,जरा आँख में भर लो […]

वरेण्य मातृभूमि की प्रचंड पुण्यभूमि की अखंड साधना करें। कश्मीर में प्रभुत्व शान्ति सौम्यता के भाव हों ये भावना करें॥ हिन्दुत्व का प्रभाव हो प्रचार हो,प्रसार हो न कि दुष्प्रचार हो। कश्मीर है अभिन्न अंग देश का समग्रता से मन में ये विचार हो॥ माँ भारती के ताज में न […]

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ऐसा कुछ तो है मुझमें, ऐसा कुछ, कुछ,…कुछ, कुछ, कुछ तो है मुझमें,यकीनन कि, लोग मुझसे जफ़ा तो नहीं करते वफ़ा करते तो हैं…. मगर फिर भी.. वफ़ा की इन्तेहा तक तो वफ़ा नहीं करते, (शायद)। यह यादों का भी कैसा कारवां है, रुकता भी नहीं,बिछुड़ता भी नहीं। तू हो […]

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दर्द तेरी वेदना का चीखता-सा एक स्वर हूँ। बंद द्वारे पर खटकती अनमनी-सी साँकलें हूँ॥ उत्तरों से हूँ उपेक्षित प्रश्नबन्दी की हदें हूँ। ढूंढ पाना बहुत मुश्किल मैं जुगनूओं का शहर हूँ॥ हूँ हवा का एक झौंका मरुथली प्यासी नदी हूँ। खेत-खलिहानों को पढ़ता गढ़ रहा आधी सदी हूँ॥ मंदिरों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।