उत्तरी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली का नगर निगमों पर भाजपा का कब्जा है। ये दोनों निगमें ऐसे भयंकर काम करने जा रही हैं,जिन्हें गुरु गोलवलकर या पं.दीनदयाल उपाध्याय देख लेते तो अपना माथा कूट लेते। इन दोनों निगमों के दिल्ली में १७०० स्कूल हैं। इन स्कूलों की नर्सरी और पहली […]

बचपन का यार, जवानी का प्यार… बुढ़ापे का बुखार, हमेशा दिल में रहते हैं। चप्पल का काँटा, और दुश्मन का चांटा… सीधे दिल में चुभते हैं। नोटों की पेटी, और घर में बेटी… किस्मत से मिलते हैं। माँ की डांट-डपट, और बाप के थप्पड़… जीवन की राह सिखाते हैं। नाना-नानी […]

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बना लो तुम मुझे अपनी मधुशाला, आऊँगी जब कभी तुम आवाज़ दोगे। प्यार के रस की चासनी छलकाती हूँ, नशा आँखों से बरसाती हुई… बिना जाम पिए तुम मधहोश हो जाओगे, गिरकर मेरी बाँहों में संभल जाओगे॥ दिन दोपरिया रात संवरियाँ, सजा दूँगी तुम्हारी मोहब्ब़त की महफ़िल… ध्यान रखना तुम्हारे […]

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तुम्हारे सारे दुख लेकर मैं खुशियाँ देने आया हूँ, मैं ऐसा हूँ या वैसा हूँ, बस तेरा होने आया हूँ। इक उम्र ने मुझको भी खुशियाँ भरपूर ही दे डालीं, खुशियों को सब इकट्ठा कर तुम पे लुटाने आया हूँ। मैं ऐसा हूँ या वैसा हूँ …॥ तुम वो पाकीज़ा […]

जाने जां तुम कमाल करती हो, बात भी बेमिसाल करती हो। जाने क्या ऐसी खता हुई हमसे, मेरा जीना बेहाल करती हो। रोज आती हो तुम ख्यालों में, नींद काहे बेकार करती हो। जबसे देखा है हमने तुमको यूँ, नजरों से क्यों सवाल करती हो। सार्थक दौर है ये कुछ […]

बेटे का सम्मान जगत में,बेटी का सम्मान नहीं, दुनिया वालों ये तो बता दो,बेटी क्या संतान नहीं….। बेटा क्या लेकर के आया,बेटी क्या लाई नहीं, बहिना के बिना सूनी-सूनी,हर भाई की कलाई है। ऱक्षाबंधन-भाई दूज,कैसे तुम सब भूल गए, दुनिया वालों ये तो बता दो,बेटी क्या संतान नहीं॥ बेटे का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।