उम्मीदों और आशाओं का महल तैयार किया, पलकों पर अपनी सदैव नाज किया, लहलहा रही थी खुशियाँ इर्द-गिर्द अम्बर,गगन सब टकटकी लगाये देख रहे थे, सपनों की उड़ान हौंसलों में पंख लगा रही थी, हर सपना हर अपना हर जज्बा सब अपने हो रहे थे, जलाए थे जिसने उम्मीदों के […]

प्रेम-प्रीत की बात करें सब असली प्रेम न जानें, प्रेम के दो अक्षर लगते देखो कितने सुहाने। प्रेम की भाषा बालक समझे और समझे मूक प्राणी, प्रेम के भाव से बोली हुई मीठी लगती है हर वाणी। माँ का प्रेम तो अज़र-अमर है पिता का स्नेह अनमोल है, भाई-बहन और […]

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चिंतन-मनन कर पूर्ण विचार, तत्पश्चात प्रयोग कीजे अपना मताधिकार। आओ अशिक्षितों को भी अवगत कराएंं, मताधिकार का उचित प्रयोग बताएं। मँहगाई, बेरोजगारी,भ्रष्टाचार पर करे जो नियंत्रण, उसे ही चुनकर बनाना है हमें जनतंत्र। अगर चुन लिया जो आपने गलत उम्मीदवार, फिर उससे उम्मीद रखना होगी बेकार। मानव अधिकारों का होता […]

  नव वर्ष का प्रथम दिन है पावन, करते हैं हम सबका अभिवादन। सबक़ो मंगलमय हो नूतन वर्ष, मन में उमंग नई आशा नया हर्ष॥ पूर्व दिशा से नवोदित दिनकर, स्वर्णमयी आभा छाई नभ पर। नई किरणें नव प्रभात है प्यारा, फैला सारी धरती पर उजियारा॥ कण-कण धरती का आलोकित, […]

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दिल मेरा,पर इसमें, धड़कती हैं धड़कनें तुम्हारी। सांसें मेरी, पर चलती हैं सिर्फ तुम्हारे लिए। होंठ मेरे,पर मुस्कुरातें हैं, तुम्हें देखकर। और मेरी आँखें ? उसमें भी तो तुम्हारे ही सपने पलते हैं…! कई बार कोशिश की, पर समझ नहीं पाया,  ‘मैं’ तुम हूं,या ‘तुम’ मैं ? क्या तुम समझ […]

सृजन सृष्टि का चलता प्रतिपल, सरिधार बहे ज्यों निर्झर कल-कल। प्रश्न जुड़े जब ‘कारण’ से, एक नूतन सिरजन अस्तित्व लिए, नव शोध,निष्कर्ष, निर्धारण से। एक सोच लहर-सी आती है, मन चेतन सजग बनाती है, सब इंद्रियां संचालित हो जाती हैं, एक चक्र सृजन का चलता है, कुछ नवल नया गढ़ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।