उस लड़की को देखकर, उम्मीद नहीं बनती उम्मीदों की याद, हो जाती है। वह सुबह से शाम तक पुराने अशोक के नीचे बैठती, वह प्रतीक्षा है बीमार उदारता की, उस लड़की की। उस लड़की की क़ोख में बिस्तर से बच्चे […]
कृष्ण कन्हैया श्याम है,मोहन ब्रजगोपाल। दीनबंधु राधारमण,दुखहारक नंदलाल॥ समान अर्थ के शब्द में,भाषा का है ज्ञान। शब्दों की कर साधना,कहते कवि मसान॥ सरस्वती भारती माँ शारद। ब्रह्मासुत ज्ञानीमुनि नारद॥ पवनतनय कपिपति हनुमाना। राघव रघुवर राजा रामा॥ वानर बंदर मरकट कीशा। भगवन ईश्वर प्रभु जगदीशा॥ अम्मा जननी अम्बा माता। पाँव चरण […]