चले हैं तेरे शहर से ज़ख्म ले के हरे, नहीं मिलेंगे दोस्त हमसे जुदा होने के बाद। हर पतझड़ के बाद बहारें आती ही हैं, नहीं आएगी रिफ़ाक़तें शब-सवेरे  के बाद। मैं खामोश हूं एक अरसे से इस कशमकश में, कि आँखों में उनकी भी इल्तजा झलके शिद्दत के बाद। […]

(संदर्भ-9 दिसम्बर जन्म दिवस) दूसरे सप्तक के कवियों में प्रमुख नाम रघुवीर सहाय का आता है। हिंदी के विलक्षण कवि,लेखक,पत्रकार, सम्पादक,अनुवाक,कथाकार,आलोचक रघुवीर सहाय का जन्म ९ दिसम्बर १९२९ को लखनऊ(उत्तर प्रदेश) में हुआ था। इन्होंने १९५१ में अंगेजी साहित्य में स्नातकोत्तर किया। १९६४ से साहित्य सृजन करना प्रारंभ किया। इनका विवाह […]

       डूबती हुई सूरज की किरणों के साथ विदा हुई एक और साल की वनवास यात्रा, विदा हुई तारीखों की नदियॉ और कैलेण्डर का आखिरी महीना, जो किसी पक्षी की तरह पंख फड़फड़ा रहा है। बीत गई लम्बी वनवास की यात्रा, प्रासंगिक प्रशनों को छोड़ गई एक और […]

  मातु शारदे! हंसवाहिनी भक्तों को वर दे, चले शुभ्र पथ सतत् निरंतर मन निर्मल  कर दे॥ वीणा बजे तेरा कर में भवानी मधुर-मधुर स्वर  से, जिस स्वर से बह चले प्रेम की गंगा घर-घर से॥ संस्कृति कला नैतिक मूल्यों  को रहे समर्पित मन, निष्ठा की रहे सदा प्रतिष्ठा हो […]

जिसने हमें जन्म दिया, उसका मानें हम उपकार। वह माँ धरा पर है न्यारी, उसे बार-बार करुं प्रणाम। माँ के रूप में देवी है वो, दुख घनेरे सहती है जो। सदा भला वह चाहने वाली, ममता की अदभुत मूरत है वो। मैं नवाजूं चरणों को उसके, चरणों मे उसके है […]

इश्क को अपने छुपाता रहा हूँ, तेरा नाम लिखकर मिटाता रहा हूँ। था डर तेरी रूसवाई का मुझको, अपने अरमानों को बिसराता रहा हूँ। चाहत थी दिल में चाहतों से ज्यादा, खामोश लब से पुकारता रहा हूँ। खो न जाओ जमाने की भीड़ में, बन्द पलकों से तुमको निहारता रहा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।