गर्मी दस्तक दे रही,निकट ठंड का अंत, शुक्ल पंचमी माघ की,लाती मधुर बसंत। मनमोहक अनुपम छटा,कोयल की आवाज़, ऋतु वसंत का आगमन,अब भौंरों का साज़। पीली सरसों लुभाती,मन में भरती उमंग, मन मयूरा नाच उठा,अब ऋतुराज के संग। दुल्हन-सी सज गई महि,लगा निखरने रूप, देह को भी भाने लगी,यही सुनहरी […]