आरक्षण नाम तो सबने सुना ही होगा एक शब्द छोटा सा है। जो कि दलितों को आगे बढ़ाने में बहुत ही सहायक हैं। आरक्षण किसी का भी पुश्तैनी हक नही है और ना ही विरासत है! अब सवाल ये उठता है कि आरक्षण का क्या सदुपयोग हो रहा […]
मां की मै नाजों की पाली, मै पापा की लाडली.. उड़ना चाहूं दूर गगन छूना चाहूं आसमान चाहूं हिरनी सी भरूं कुलांचे, कभी मोरनी चाल चलूं.. कभी तितलियों संग भागुं मैं, फूलों संग कभी सवाल करूं.. पूछूं क्यों खिलते हो तुम, जब अगले दिन मुरझाते, अपनी सुन्दरता खोकर […]
स्वतंत्रता शब्द ही ऐसा है जिसमे एक उमंग छुपी है खुल के जीने के मायने, खुल के अपनी बात कहने की स्वतन्त्रता,विचारो को अभिव्यक्त करने की छूट,लिखने की छूट, पढ़ने की छूट,अपने आप को साबित करने की छूट ,हर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की छूट—-कुल मिला के स्वतंत्रता किसी […]
जश्न आजादी का मनाएंगे वन्दे मातरम मिलकर गाएंगे गली चौबारों पे हम नाचे चलो मिलकर धूम मचाएंगे भारत माँ को नमन कर लो रोशनी से अपना घर सजायेंगे जाति धर्म का भेद नहीं कोई दिल से दिल हम मिलाएंगे न द्वेष कोई भी हो बढ़े भाईचारा मिलकर रहे हम और […]
बरस बीते आज़ाद हुए पर, ख़्याल अभी तक ग़ुलाम बने हैं । आज़ाद मुल्क के बाशिंदे हम, क्यों राम, रहीम, सतनाम बने हैं ।। ज़ात-पात में बांटा ख़ुद को, क्यों धर्म के ठेकेदार बने हैं । मुल्क़ को समझें अपना घर, […]
हर जगह बात बात पर राजनीतिक बाते इस तर्ज़ पर तजुर्बा दिखाती हैं कि प्रतीत होता है कि हम सब से बड़ा राजनीतिज्ञ शायद ही कोई हो। हम निर्णय भी लेते है और परिणाम भी घोषित करते है और यहाँ तक कि जो वास्तविक राज्यनीतिज्ञ है वो भी हमसे कम […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।