आज दफ्तर से निकलने में देर हो गई बरसात का मौसम था। हल्की बूँदा-बांदी हो रही थी। आकाश में बादल उमड़ रहे थे, मानो जोड़ की बारिस आने वाली हो।हल्की हल्की हवा और सून-सान पगडंडियों से चलता हुआ मैं घर की तरफ बढ़ रहा था कि अचानक मेरी नजर खेल […]

क्रुर संस्कृति, निकृष्ट परंपरा का यह अपकर्ष हमें अंगीकार नहीं, धुंध भरे इस राहों में यह नववर्ष कभी स्वीकार नहीं । अभी ठंड है सर्वत्र कुहासा , अलसाई अंगड़ाई है, ठीठुरी हुई धरा – नील-गगन, कैसी सुंदरता ठिठुराई है। बाग बगीचों में नहीं नवीनता, नहीं नूतन पल्लवों का उत्कर्ष ; […]

भक्ति जब पूरी होती मिलता ज्ञान प्रकाश ईश्वरीय योग लगाकर देखो पूरी हो जाती हर आश एक दूसरे को शुम कामना से मन का मैल मिट जाता हर किसी का भला हो सोच से सदभाव भी बढ़ जाता ईश्वर को साथी बनाने से दुश्मन न रहेगा कोई धर्मपरायण जीवन होगा […]

मन के हारे हार है,मन के जीते जीत आज सुबह जैसे ही उठी पता नहीं क्यों लगा कि कुछ अप्रिय घटना होने वाली है।  मन डर गया पर मैंने कमर कस ली कि चाहे कुछ भी हो परिस्थितियों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दूंगी।  दृढ़ निश्चय किया कि आज […]

भारत सरकार का विध्वंसकारी निर्णय (SC/ST एक्ट) १) सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार FIR से पहले DSP स्तर की जांच होगी जिसे संशोधन किया गया और संशोधन के बाद नया कानून बना, शिकायत मिलते ही FIR। २) सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, गिरफ़्तारी के लिए पहले इजाज़त ज़रूरी […]

वीणावादिनी के वरण्य ज्ञान के सागर आपर नवल सृजन के स्वप्न दिखाएँ आपसे मिला यह पौरुष हमें नित वन्दन चरण आपके। असतो माँ सद्गमय से तमसो माँ ज्योतिर्गमय तक सब आपका ज्ञान मार्ग समरसता का दीप जलाने आये समाज में आप -ज्ञान का दीप जलाकर अलौकित कर दिये मन उदभाषिता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।