क्या हुआ मैं जानती हूँ,अनमनी-सी बात मत कर। सनम कुछ पर्दा नहीं है,अनकही-सी बात मत कर। रे यह साझेदारी है,हमारे बीच की बात है। गली में बात फैलाकर,सनसनी-सी बात मत कर। कुछ राज कहने हैं तुमसे,और कुछ सुनने हैं सनम। बैठ कर बातें करें,अब अनबनी-सी बात मत कर। इस तरह […]
sulabh
स्पष्ट अभिव्यक्ति जब अपनी हो आशा, सबसे सुलभ,सशक्त,सुन्दर लगे मातृभाषा। गैर भारतीय भाषाएं बहुत ही भरमाएं, शब्द प्रचुर मिले न अभिव्यक्ति लड़खड़ाए । पठन-पाठन, जपन-छापन,अपूर्ण प्रत्याशा, अपनी संस्कृति न मिले, उड़ न सके आशा। किस्से, कहानी, कविता की भाषाएं खान हैं, विज्ञान,प्रौद्योगिकी का न अपना आसमान है। भारतीय प्रतिभाएं ही […]