सिर्फ   हम   ही   हम  है, ये वहम तुम्हारा अहम है, आसमां  में  उड़ रहे है वो, जिनके लिए जमीं कम है, पिता सबसे अनमोल है जग में, बाहर से कठोर अंदर से नरम है, तुम्हारे  भाग्य  का  भाग  कर  आयेगा, मेहनत जीतोड़ करों बाकी सब भरम है, अपना  हर  कदम  […]

आखिर अब खुद को बदल रहा है वो, गिर  उठ  गिर  फिर  संभल रहा है वो, मौसम  का  मौसम  बिगड़ रहा है अब, और कांटें भरें रास्तों पर चल रहा है वो, हिम्मत अब  उसकी और बढ़ती जा रही है, खयालों से सवाल कर आजकल रहा है वो, हवाओं  को  पकड़ने  […]

प्रकृति को सहेजने को अब सब मिलके तैयार हो, विनाश ना हो प्रकृति का यह प्रयास बार – बार हो, जागो सभी बचाओं अब इस सृष्टि के आधार को, पेड़ लगाओ और बचाओ जीवन और संसार को, पेड़ कट रहें है अंधाधुंध अब  तेजी  से   चहुंओर, जंगल करके साफ फैक्ट्रियां […]

मुझे क्यों आजमाने आ रहे हो, बताओं क्या जताने आ रहे हो, तुम्हीं ने मुझको ठुकराया था एक दिन, तो फिर क्यों अब मुझे वापिस मनाने आ रहे हो, क्यों पिंजरें में रखा था तुमने अब तक कैद करके, क्यों पिंजरें से मुझे अब तुम छुड़ानें आ रहे हो, गिराया […]

हुये   विपक्षी  ढेर  सभी  और  हारें   सारे  दल, देखों फिर से मोदी आया फिर से खिला कमल, ‘चौकीदार चोर है’ जो कहते थे गिरे घुटनों  के  बल, अब दिल्ली के सिंहासन पर फिर मोदी और कमल, #शिवांकित तिवारी ‘शिवा’ परिचय–शिवांकित तिवारी का उपनाम ‘शिवा’ है। जन्म तारीख १ जनवरी १९९९ […]

रास्ता तुम्हीं हो और तुम्हीं हो मेरा सफ़र, वास्ता तुम्हारा है हर घड़ी और हर पहर, तुम ही मेरे जीवन की सबसे मजबूत कड़ी, तुम ही मुश्किलों में सिर्फ मेरे साथ खड़ी, मुझको धूप से बचाने बनके आती छांव हो, तुम ही मेरा शहर और तुम ही मेरा गाँव हो, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।