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हिफाजत की नजर में नजरों को गुलाम कर बैठी, बिखर कर जुल्फ चेहरे पर कत्लेआम कर बैठी। वाकिफ हो भला कैसे हकीकत से नुमाइश की, अपनी पहंचान को जब गैर के वो नाम कर बैठी। बगावत हम भी करते थे पर तूफान को कम कर, मेरे अल्फाज को वो मेरा […]

हौंसले बुलंद रखो,गर दरिया की चाह हो, कांटे हट जाएंगे,गर कलियों की चाह हो। रोक सकता है कारवां,तो रोककर देखे, खुद ही झुक जाएगा,गर झुकाने की चाह हो। सफर में राहें भले कितनी भी कठिन हों, खुद ही कदम चूमेगी,गर मंजिल की चाह हो। ख्वाहिश पूरी न होती,गर जीवन की […]

वतन को देखकर इबादत करते, अम्बर भी ज़मीं पे उतार चुकी हूं मां। आज कहते हैं मुझे दोषी खुशियों का, बुरा वक़्त भी हंस के गुजार चुकी हूं मां॥ शीशे ने बयां कर दी हकीकत ज़माने की, तेजाब में खुद को निहार चुकी हूं मां। जकड़े हुए से जिस्म में […]

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दोष नजरों को न दो,के शीशा टूट जाएगा, बिखरी जुल्फों को जरा संवर जाने दो। न सोच के अंजाम ए मोहब्बत क्या होगा, इश्क दरिया है आंसूओं को उतर जाने दो। मत उदास हो के तेरा भी सवेरा आएगा, बुरा बक्त है,हंसकर इसे गुजर जाने दो। कल तक जो ये […]

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सीने में अपने आग लिए आक्रोश जगाने आई हूं। एक दुष्ट पापी की मैं करतूत बताने आई हूं॥ ये अपनी सत्ता चलवाने नोटों पे नोट बिछाते हैं। आपस में सबको लड़वाने मजहब का नाम उठाते हैं॥ पैसों पे छूट जाते नेता, गरीबों के लिए बस फांसी है। वकील करे तो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।