किसने देखी है, मोनालिसा की हँसी… शायद चित्रकार ने, या तुमने या हमने.. शायद किसी ने नहीं| गाँव की पगडंडी पर, पहाड़ों और खेतों की मेढ़ पर बकरियाँ चराती थावरी की हँसी, भुला देती है मोनालिसा को| लेकिन तब वहाँ न चित्रकार होता है, न फोटोग्राफर होती है सिर्फ़ प्रकृति […]