आज दिल बेचैन है और बड़ा बेकरार है, बहुत याद आ रहा वो गाँव वाला यार है, बार-बार नजर आज उसका चेहरा आ रहा है, जैसे मुझे वो भी चीख-चीख के बुला रहा है, है गुजारा उसके साथ मैने सारा बचपन, साथ मौज-मस्तियां,शैतानियां करते थे हम, सबसे अलग,सबसे जुदा बहुत शानदार […]

बेटी है यह कोई सामान नहीं, यह अनमोल खजाना है, जिसका कोई दाम नहीं, बड़े लाड़ प्यार से पाला था जिसको, हर बुरी नजर से बचा कर संभाला था जिसको, आज उस जिगर के टुकड़े को खुद से जुदा करते हैं, पहले बेटी का सौदा करते हैं,फिर बेटी को विदा […]

लोग जहर उगलते हैं,रोज चेहरे बदलते हैं, सच के बने सभी किरदार हैं जो, झूठ और फरेब पे सवार होकर चलते हैं, बबन्डर नफरतों का जेहन में बरकरार हैं जिनके, बातें वो सारी प्यार-मोहब्बत की करते हैं, किसी की कामयाबी की खुशी में,शरीक होने वाले लोग, उसकी कामयाबी के चर्चो […]

इश्क में तेरे अब मेरा क्या हाल हो गया, जीने लगा अब मैं, वाह क्या कमाल हो गया, अजनबी,अनजान,अजीबोगरीब था पहले मैं, अब तेरे इश्क-ए-रहमतों से मैं मजबूत ढाल हो गया, न ही नींद,न ही ख्वाब आते थे पहले मुझे, अब तो तेरे रंगीन खयालातों से मालामाल हो गया, बेअसर,बेढंग,बेरंग […]

तेरे जाने से,अब ये शहर वीरान हो गया, तेरे जादू का असर अब जाने कहा खो गया, तेरी पायल की झंकार से, ये सारा शहर जाग जाता था, अब उन झंकारो का खतम नामों-निशान हो गया, बहुत ढूँढ़ा मैनें तुझे मुशाफिरों की तरह, भटकता रहा,छिपता रहा,कायरो की तरह, अब तक […]

वो लोग जो सरकार में हैं, या सरकार खुद को मानते हैं, जीतनें के बाद.. न ही जनता की सुनते कभी फिर, न ही जनता को जानते हैं, समस्यायें ढेर सारी निराकरण मिलता नहीं, जीतनें के बाद नेता,जनता की सुनता नहीं, युवा बेरोजगार हैं,पढ़ा-लिखा बेकार है, मिलता न रोजगार हैं,ऐसे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।