लघुकथा संग्रह ‘खिड़की’ लोकर्पित इन्दौर। लेखिका यशोधरा भटनागर के लघुकथा संग्रह ’खिड़की’ का विमोचन मातृभाषा उन्नयन संस्थान व संस्मय द्वारा शनिवार दोपहर श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति में हुआ। पुस्तक का प्रकाशन संस्मय प्रकाशन दिल्ली के द्वारा किया गया। आयोजन में मुख्य अतिथि डॉ. विकास दवे ने रचनाकारों का आह्वान […]

मुश्किल तो यह है कि वह बड़ी मुश्किल से मिलता है और मिलता है जब तो बड़ी मुश्किल से खुलता है चलता तो है साथ मगर मुश्किल से चलता है सिमटता है शरमाता है और दुनिया से डरता है। लगता तो है कभी-कभी ऐसे हो मेरा नसीब जैसे मुकेश तिवारी, […]

मित्र शब्द है जाना पहचाना सा, दिल के क़रीब कोई अपना सा, जिससे नहीं हो कोई भी सम्बन्ध, पर हो दिल के गहरे बंधन तो वह है मित्र.. जो बिन कहे सब समझ जाएं जिसे देख दर्द भी सिमट जाए, जिसे देखकर ही आ जाये सुकून और सब तनाव हो […]

रक्तधार से सिंचित होकर क्षात्र तेज पाता है, अग्निशिखा के आगे जैसे तृणदल जल जाता है, समरभवानी को शोणित का वे नैवेद्य सराते, मातृभूमि को शत्रुमुण्ड अवगुंठित हार चढ़ाते, अरि सेना का काल बने हैं जिनके सबल भुजदंड, कोटि रश्मियों में भासित हैं समरशूर मार्तंड, शौर्य तेज से दग्ध शत्रुदल […]

डॉ. वेदप्रताप वैदिक गुजरात, दिल्ली और हिमाचल के चुनाव परिणामों का सबक क्या है? दिल्ली और हिमाचल में भाजपा हार रही है और गुजरात में उसकी एतिहासिक विजय हुई है। हमारी इस चुनाव-चर्चा के केंद्र में तीन पार्टियाँ हैं- भाजपा, कांग्रेस और आप! इन तीनों पार्टियों के हाथ एक-एक प्रांत […]

जाने क्यों अब चाँद बातें नहीं करता। रहता है चुप.. ताकता टुकर टुकर .. नाराज, निराश, न न.. निस्पृह केवल! बहुतेरे हैं उसे देख कर लिखने वाले.. उसमें जाने क्या-क्या देख पाने वाले… डाकिए का कार्य छोड़े जमाना हुआ.. शायद व्यवहारिक हो गया है यह भी! नाजुक से फसानें और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।