माँ  की आंखों  का तारा। परिवार   में  राजदुलारा॥ भाई-बहन के मन को भाते। साथी भी बिन इनके रह न पाते॥ रहते साथ सदा इनके हर बार। ऐसे हैं हमारे गुरु पवन कुमार॥ छात्र जीवन से क्रांतिकारी। धीर, वीर  और  सदाचारी॥ गुरुओं  के जो प्रिय कहलाए। जुल्मों के खिलाफ आवाज उठाए॥ […]

नहीं अकड़ना यहाँ कभी भी, महक के जैसे बिखर के जाओ, जो याद कर ले तुम्हें ज़माना,सलाम ऐसा भी कर के जाओ……। ये लोग मुझसे हैं आज कहते, नदी के जैसे सम्भल के जाओ, मगर समंदर है आज अंदर, ये लोग कहते हैं डर के जाओ…….। नहीं है कीमत यहाँ […]

वह आता है, दो घंटे की गार्ड-ड्यूटी बजाता है फिर रेस्ट-रुम चला जाता है हर दो घंटे की ड्यूटी बाद ४ घंटे की तफरी होती है सोचो वह टुकड़ों में रात काटता है जब दुनिया चैन से सोती है। इन ४ घंटों की तफरी में, १ घंटा खुद को समझाओ […]

जाम तो छलक रहा है,जिसे मैं पी तो रहा हूँ। जिन्दगी कड़वाहट है,जिसे मैं जी तो रहा हूँ॥ जाम तो छलक रहा है, जिसे मैं पी तो रहा हूँ। जिन्दगी जाम बने तो,मजा कुछ और है यारों। तड़प जाए जो जिन्दगी,नशा कुछ और है यारों। मैखाने में जाओ, जाम तुम […]

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हे प्रभु मोहि विनती सुनो इक बार, ले विश्वास मैं दौड़ा आया कब से खड़ा हूँ तेरो द्वार l हे प्रभु मोहि…………..ll ले लो शरण अपने रज बीच, दे दो मोहि सुखधाम जनम-जनम की बिगड़ी बना दो, कर सुख-दुख एक समान l हे प्रभु मोहि विनती सुनो इक बार ll […]

मानते रहे वसुंधरा कुटुम्ब के समान, आदिकाल से तभी लगे रहे सुधार में। भारतीयता करे विकास विश्व में अतीव, ध्यान दें सभी इसी सुलक्ष्य के प्रसार में। युद्ध को चुना नहीं चुना पवित्र प्रेम पंथ, भावना विनाश की न आ सकी विचार में। किन्तु मारना उन्हें रहा सदैव आर्य धर्म, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।