जब भी तुम उदास होते हो, उदासी मेरे चेहरे पर छा जाती है। आँसूओं से आँखें तेरी नम होती है, बरसात मेरी आँखों से हो जाती है। न जाने कौन-सा रिश्ता है हम दोनों में, तू रातभर करवट बदलता है,नींद मुझे भी नहीं आती है। तेरी मुस्कुराहट मेरे होंठों की […]
सर्द रातों में ठिठुरती जिंदगी, फुटपाथ पर,मन्दिरों पर, स्टेशन पर… और उन तमाम जगह, जो बन जाता है उन यतीमों का आशियाना, जो तलाशते हैं थोड़ा-सा सुकून, थोड़ी-सी नींद उस खुले आसमान तले, जो बना देती है सर्द भरी रातों को बर्फ की तरह। जिसमें गुजारते हैं वो सभी अपनी […]
माँ की गोद में सोइए,माँ है सुख की छाँव। चरण पिता के छूइए,जिनके छाले वाले पाँव॥ माँ घर की लक्ष्मी,भरा रखे वो भण्डार। पिता घर के कुबेर,हमारे हैं वो कर्मधार॥ माँ फूलों की बगिया,महकाए हर क्यारी। अपने बच्चों की हर अला-बला उसने अपने ऊपर वारी॥ अपनी दुःख तखलीफ़ को सबसे […]
मिलन तो हो ठीक है,मिलन की तो कल्पना ही बड़ी सुखद है , और बिछोह तो ठीक,बिछोह की कल्पना ही दुखद है। मिलन हर कोई चाहता है,बिछोह कोई नहीं, पर विडम्बना तो देखो,दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। दोनों एक दूसरे के साथ ही चलते हैं, एक सुख और दूसरा दुख […]
एक सती वृंदा से छल किया, तो भगवान को भी पत्थर बनना पड़ा। आज का इंसान,क्यों नहीं समझ पाता इतनी सी बात को। पत्थर दिल इंसान, पत्थर बनने से न डरे, पर,खुद भी तो पत्थर न बने॥ […]
‘राम तुम्हारी माँ का पत्र आया है,’दीपा ने चिढ़ते हुए कहा। ‘क्या लिखा है जरा पढ़ना तो’, राम ने दीपा से कहा। ‘क्या लिखा होगा! यही कि,सर्दियाँ आ गई है,मुझे यहां से ले जाओ। हर बार का नाटक। बीमारी का बहाना बनाकर आ जाती है और पूरी ठंड में हमें […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।