जिंदगी का अब कोई भरोसा नहीं है। अभी तो जिंदा है पर अगले पल का पता नहीं। आज मैंने मौत को नजदीक से निकलते देखा। और अपने परिजन को बात करते करते जाते देखा।। मानव जन्म मिलने का जो विचार मन में आया। उन्हें लब्जो में हम व्या कर सकते […]
सब कुछ होते हुए भी यहाँ वहाँ खोजता रहा। जिसे तुझे खोजना था वो तेरे से दूर होता गया। और तू प्रभु का खेल कभी समझ न सका। बस दौलत के पीछे ही तू सदा भागता रहा।। इस दौलत के जाल को अच्छे अच्छे नहीं समझ सके। बस इसके मायावी […]
भक्तो से प्रभु कह रहे मेरे तुम एक बात सुन लो। उस पर तुम अमल करो। जिंदगी तेरी बदल जायेगी। फिर तेरी आस्था मुझे पर निश्चित ही बड़ जायेग। क्या मैं कहता हूँ जरा तो तुम सुन लो।। तुम अपना रंज-ओ-ग़म, अपनी परेशानी मुझे दे दो करो तुम देव दर्शन […]
दिल से दिल मिलाकर देखो। जिंदगी की हकीकत को पहचानो। अपना अपना करना भूल जाओगें। और आखीर में एक ही पेड़ की छाया के नीचे आओगें। और अपने आपको तब तुम अपने आपको पहचान पाओगें।। छोड़कर नसवर शरीर, एक दिन सब को जान है। जो भी कमाया धामाया सब यही […]
खुद पर भरोसा है तो खुदा भी तेरे साथ है। अपने पर भरोसा है तो हर दुआ तेरे साथ है। जिंदगी से कभी भी मत हारना मेरे दोस्त। जब तक तेरे साथ इंसानियत रहेगी। तब तक लोगों के दिलों में तेरा राज है।। ख्वाहिश ये बेशक नहीं की तारीफ हर […]
फूल खिलकर भी उदास हैं । समुद्रको आज भी पानी की प्यास हैं। एक बार तो आप मुस्करा दो। जिंदगी को हंसी की तलाश है।। दिखता नहीं हँसता हुआ चेहरा तो दिल उदास हो जाता है। न दिल कही लगता है और न मन कही ठहरता है। बस तुम्हे हँसता […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।