जिंदगी की दौड़ भाग में खो सा गया मेरा बचपन बेफिक्र मौज मस्ती वाला मेरा राज दुलारा बचपन माँ के आँचल में छुपजाना नजर उतारने वाला बचपन भले ही माँ भूखी हो मगर मुझे तृप्ति कराने वाला बचपन आज क्यों खो सा गया ? या मै बचपन को पीछे छोड़ […]

समय हर समय को ,बदल देता है, बस उसे कुछ, समय चाहिए / जो समय की, कदर करता है, समय उसकी किस्मत बदल देता है।। समय से पहले और, किस्मत से ज्यादा, न किसी को, कभी मिला है, और न मिलेगा / बिना कर्म किये, किस्मत, के सहारे रहोगे , […]

आप से दूर हो कर, हम जायेंगे कहा, आप जैसा दोस्त, हम पाएंगे कहा / दिल को कैसे भी, संभाल लेंगे हम, पर आँखों के आंसू ,हम छुपायेंगे कहा // कुछ कह गए, कुछ सह गए, कुछ कहते कहते, वो रह गए../ मै सही, तुम गलत, के खेल में, न […]

कभी कभी हम दिल के, हालात भी लिखते हैं…, दिल पर जो गुजरती है, वो ही व्या करते है / हर वक़्त वाह वाह की, ख्वाहिश नहीं होती…, हँसाने के चक्कर में, कभी कभी खुद रोते है // छोटी सी ज़िंदगी है, इसलिए हर बात में खुश रहो , जो […]

शीतल हवाओं के हाथ सभीको, एक अरमान भेजा है, सुबह की रोशनी के ज़रिए, एक पैगाम भेजा है आपको / व्यस्ता के बीच फुरसत मिले तो, कबूल कर लेना पैगाम मेरा , इस नाचीज ने अपनो को, सुबह का सलाम भेजा है..// कभी हँसते हुए छोड़, देती है ये जिंदगी, […]

 हौसले दिल में यदि, बुलंद हो तो, बंजर पड़ी भूमि को, आबाद कर सकते है / मेहनत, लगन से तुम, इसको सींचकर देखो, खुशियों के कमल स्वंय, ही खिल जायेंगे // दिल को दिल से, मिलाना सीखो, रिश्तो को प्यार से, निभाना सीखो / क्या रखा है, आपसी बैरभाव में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।