पाल-पोसकर बच्चे को विद्यालय भेजा। अँगड़ाई लेते सपनों को खूब सहेजा॥ तन मन धन को काट,उसे भरपूर पढ़ाया। हर उपाधि के साथ,आरजू बीज उगाया॥ कर कठोर व्रत,साध साधना शिक्षा पाई। वक्ष पिता की चौड़ा,माई अति मुस्काई॥ लेकर उपाधि साथ,चला रोजी को पाने। हुई रोटियाँ दूर, उपाधियां लगी चिढ़ाने॥ यहाँ-वहाँ धकियाया,बेबसी […]