मत रो मेरे दिल चूप हो जा बहोत हो गई रात चल अब सो जा। बहोत बुरा उसने तेरे साथ किया दर्द नाम तेरी जिंदगी को दिया। रचाकर मेंहदी किसी के नाम की तेरा जिना उसने हराम की उसके घर से उठी उसकी डोली तेरे दर से उठा उलफत का […]

क्यों एकपल भी तुम बिन राहा नहीं जाता। तुम्हारा एक दर्द भी मुझसे सहा नहीं जाता। क्यों इतना प्यार दिया तुमने मुझ को। की तुम बिन अब जिया नहीं जाता।। तुम्हारी याद आना भी कमाल होता है। कभी आकर देखना क्या हाल होता है। सपनो में आकर तुम चले जाते […]

क्या करे क्यो करे किसके लिए करे, कोई तो हमें समझाए। मिला हैं मानव जन्म हमें, तो कुछ अच्छा कर जाएं। ताकि ये जीवन सफल हो जाये।। कितना कुछ हम लोगों ने, देश दुनियां को बदल दिया। पर खुदको हम बदल न पाए। बढ़ते दुसरो के कदमो को, खिंचकर पीछे […]

सब कुछ करते अपने मन से। कुछ तो करो दुसरो के लिए काम। जिसमें हो सब की भलाई कुछ तो करो ऐसे तुम काम। लगाओ पेड़ पौधे और करो लोगों का जीवन खुश हाल।। अगर रहेगा हराभारा देश हमारा । तो जन जीवन होगा सदा समान । बिना किसी बीमारी […]

जैसे सूर ताल के बिना संगीत अधूरा है। वैसे ही शुध्दहवाओ के बिना पर्यावरण अधूरा है। इसे अनुकूल करने के लिए हरियाली जरूरी है। स्वास्थ्य जीवन के लिए शुध्द सांसे जरूरी है।। चाहो तुम तो स्वर्ग इसे बना सकते हो। चाहो तुम ही इसे नरक बन सकते हो। दिलो की […]

उसुल ईमान धरम सब बाजार हो गया सत्तापक्ष का गुलाम अखबार हो गया। जिसने रोते चेहरे पे कभी हंसी लाई नही पता नही वो कैसे क्या पत्रकार हो गया। जिंदगीभर रहे जिसके दो नम्बर के धंधे वो आदमी समाज का सरदार हो गया। साथ बैठ पुलिस के खाते पीते देखा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।