एक विवाहिता जिसने विवाहित जीवन की शुरुआत में ही अपने सुहाग को खो दिया उसके मन के भाव नैनो में सजाये थे कुछ ख्वाब समय की ठोकर ने उन सपनो को चकनाचूर किया ज़िंदगी ने ही मुझे वक़्त न दिया कुछ सहेज लू कुछ समेट लू कुछ बातो को दिल […]
दिल की बैचेनी को, कैसे हम मिटाये। जो गम है जिंदगी में, उन्हें कैसे भूल जाये। कुछ तो बताओ हमें, कैसे सुख शांति पाएँ।। बिखरी हुई हैं जिंदगी, कैसे समेटे इसे। दिल में बसी जो मूरत, उसे कैसे निकाल दें। कैसे पुकारू तुमको, अब तुम ही बता दो। और दो […]
पढ़ी लिखी भौजी और, भैया की ये है कहानी। गांव वालों को है सुनानी। क्योंकि भौजी की कार्यशैली हैं निराली।। भौजी की कार्य शैली बहुत हैं निराली। घर बार के बारे में वो सब जाने। तभी तो सबको कामों में लगा दिया। घर की बेरोजगारी को उन्होंने भागा दिया। आज […]
पैसे की सोच ने इंसान को क्या बना दिया। इंसानी सोच को एक दम भूला दिया। पैसा उसका माई बाप हो गया। और खुद के माई बाप पराये हो गये।। सच तो ये है की रिश्तों का दमन हो रहा। चारो तरफ पैसे का जय जय कार हो रहा। जो […]
हनन और दमन तुम दूसरों का कर रहे हो। उसकी आग में अपने भी जल रहे है। कब तक तुम दुसरो को रुलाओगे । एक दिन इस आग में खुद भी जल जाओगे। और अपने किये पर बहुत पषताओगें। पर उस समय कुछ नही कर पाओगे।। कहते है उसके के […]
आंखों ने देखा तुम्हें और मन व्याकुल हुआ। अंदर ही अंदर प्यार हमारा उमड़ पड़ा। और दिल मेरा तुम्हें चहाने लगा। अब तुम ही बताओ भला, इसमें आंखों का क्या दोष है ? प्यार मोहब्बत को पढ़ ना आसान नहीं। मोहब्बत की परिभाषा समझना बच्चों का खेल नहीं। इस राह […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।