राष्ट्र का हित ही छोड दिया सरकार वालों ने, जबसे जमीर बेच दिया है अख़बार वालों ने। बिकने लगे 500-हजार मे जबसे अधिकारी, हर चीज मे मिलावट कर दी बाजार वालों ने। लैला मजनू,हीर रांझे के किस्से नही मिलेंगे, आशिकी को बदनाम कर दिया प्यार वालों ने। अब तलक मेरी […]

अध्यात्म-चेतना के प्रतीक, भारतमाता मन्दिर से प्रतिष्ठापक ब्रम्हानिष्ठ स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज वर्तमान युग के विवेकानन्द थे । 26 वर्ष की अल्प आयु में ही शंकराचार्य-पद पर सुशोभित हुए और दीन-दुखी, गिरिवासी, वनवासी, हरिजनों की सेवा और साम्प्रदयिक मतभेदों को दूर कर समन्वय-भावना का विश्व में प्रसार करने के […]

जीवन है अनमोल तो, क्या लगाओगे तुम मोल। बिकता है सब कुछ, पर मिलता नही जीवन। इसलिए संजय कहता है। क्यों व्यर्थ गामा रहे हो, यह मानव जीवन।। मिला है बहुत प्यार, अपनो से हमें यार। फिर क्यो किसी का, हम दिल दुखाये यहां। हंसी खुशी के संग, जीवन को […]

माता पिता ने पैदा किया, पर दिया गुरु ने ज्ञान। लाड प्यार दिया दादा दादी ने। पर गुरु ने दिया अच्छे बुरा का ज्ञान। उठे हृदय में जब भी विकार। तब उन्हें गुरु ने कर दिया  शांत। तभी तो कहता हूँ मैं की, आचार्यश्री है इस युग के भगवान। गुरु […]

कुछ नया कुछ पुराना जमाना, हमें आज याद आ रहा है। कितने अच्छे और सच्चे लोग होते थे तब के। झूठ कर कोई बुलाये तो, सच्च में समाने होते थे। पर आज यदि सच में बुलाये, तो झूठकर भी नहीं आते हैं। कितना सब कुछ बदल दिया, लोगों के स्वार्थ […]

विषण गर्मी ने किया सभी  का बेहाल। आगे कैसे बच पाओगे  गर्मी से अब तुम । काट काट कर पेड़ और पहाड़, किया हमीने तो ये हाल । अब क्यो तुम रो रहे हो,  जब मिल रहे इसके बुरे परिणाम।। बहुत कमाई दौलत तुमने, इन प्रकृतिक सम्पदा से। पर भूल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।