चेहरा भूल जाओगे तो,  शिकायत नहीं करेंगे। नाम भूल जाओगे तो,  गिला नहीं करेंगे। और मेरे दोस्त, दोस्ती कि कसम है तुझे। जो दोस्ती भूल जाओगे, तो कभी माफ़ नहीं करेंगे। ख़ुशी से दिल, आबाद करना मेरे दोस्त। और गम को दिल से  आज़ाद करना। हमारी बस इतनी,  गुजारिश है […]

मुझे राह दिख, लाने वाले मेरे मन। कभी राह खुद तुम, यूही न भटकना। मुझे राह….……। मोहब्बत में जीते, मोहब्बत से रहते । मोहब्बत हम सब, जन से है करते। स्नेह प्यार की दुनियां, हम हैं बसाते। मुझे राह……..।। न भेद हम करते, जाती और धर्म में। न भेद करते, […]

मेरी मुस्कराहट पर, तुम्हें हंसी आती है। मेरे दुख दर्द तुमको, कभी देखते ही नहीं। मेरा तो दिल करता हैं, खुशी दू हर किसी को। मैं अपने गम भूलकर, तभी तो बाटता ख़ुशीयां।। गमो की परवाह बिना, सदा ही रहता हूँ प्रसन्न। अब तुम ही बतलाओ, मेरा क्या हैं इसमें […]

भीड मे अब इंसान नही मिलता लोगो मे स्वाभिमान नही मिलता. मायूस लौटती है सदाये वहां से भी मंदीरो मे भगवान नही मिलता. कई परिंदे आज भी यहां ऐसे है जिन्हे उडने आसमान नही मिलता. साहबजादो के चार-छः बंगले है मजदुरो को रहने मकान नही मिलता. सरकारे बदली है पर […]

गुरुदेव मेरे, गुरुदेव मेरे,  चरणों में अपने, हमको बैठा लो। सेवा में अपनी, हमको लगा लो, गुरुदेव मेरे, गुरुदेव मेरे। मुझको अपने भक्तो की,  दो सेवादारी। आयेंगे सत संघ सुनने ,  जो भी नर नारी। मैं उनका सत्कार करूँगा,  वंदन बारम्बार करूँगा।। गुरुदेव मेरे, गुरुदेव मेरे,  चरणों में अपने, हमको […]

छू लेने दो गुरुवर अपने चरण, माना की में आज्ञानी हूँ । आप तो अंतर्यामी हो, इसीलिए तो आया शरण। छू लेने दो गुरुवर अपने चरण, माना की में आज्ञानी हूँ। मोह माया ने हम को पकड़ा है, और अपनों के प्यार ने जकड़ा है। न कोई तेरे संग आया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।