दिल से प्यार करोगे तो ही प्यार मिलेगा। दिल मे अगर प्यार हो तो दिल खिलेगा। भले ही दूर क्यो न हो पर दिल मे मोहब्बत जरूर जगेगा। तभी तो मोहब्बत की गाड़ी आगे बढ़ेगा, और दुनियां में मोहब्बत का महत्व बढ़ेगा।। मोहब्बत पर लिखना सरल है। पर मोहब्बत करना […]

दिल से प्यार करोगे, तो ही दिल खिलेंगे। दिल मे अगर प्यार हो, तो ही अपने बनेंगे। भले ही दूर क्यो न हो, पर दिल से दिल तो मिलेंगे । और प्यार मोहब्बत से ये दुनियाँ निरंतर चलती रहेगी।। कहने को तो बहुत कुछ है पर कहने से हम डरते […]

पुरानी कलम से नये अंदाज में लिखना भी तो एक कला है। क्या नई कलम से पुराने अंदाज में लिख पाओगे? और क्या साहित्य की धरोहर को बचा पाओगे। कहते है साहित्य समाज का दर्पण होता है। पर क्या करे अब साहित्यकार ही, इसे बर्बाद करने पर तुले है।। किस […]

हम तो मुफ्त में हो रहे है बदनाम। जबकि हमारा तो लेना देना ही नही। हां कसूर इतना है कि, रोज देखता हूँ उन्हें। अपने घर की छत से उन्हें।। जो न रोज देखते उन्हें, तो क्या वो इतनी सजती सभारती? फिर न करे कोई तारीफ सुंदरता की, तो सुंदरता […]

सोच सोच कर में, यहां आ गया। पर मिला न चैन मुझे यहां पर। कैसे कह दू कि में खुश हूँ नही। क्योकि बिना सोचे समझे, निकले थे जो हम।। कैसे मिलेंगी हमे अपनी मंजिल। काम करता बहुत दिन रात में। जैसा फल में चाहू वैसा मिलता ही नही। इसलिए […]

इंसान का इंसान से है क्या अब भाई चारा । बता दो लोगो यहां पर। पूछ रहे है हर जन जन।। इंसान का इंसान…….। कितनी सादगी और स्नेह प्यार से, हिल मिलकर रहते आये। नही रखा कोई भी बैरभाव हमने अपने दिलों मे। क्योकि खाया है अन्य हम सब ने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।