हूँ जिस हाल में ,या खुदा न रहा करे कोई मेरे हक़ मे खुदा के लिए न दुआ करे कोई । आखरी लम्हे तक कोशिशें रहेंगी जारी यूँही हूँ जिस तरह से नाकाम न हुआ करे कोई । ज़ख्म देकर वो खुश रहे तो कुछ बात बने मगर इतनी बेरूखी […]

दिल में अरमान था  बहारों का और तोहफा मिला है खारों का । तेरे बगैर बता मै अब क्या करूँ इन बेजान दिलकश नजारों का । रौशनी जब   मुझे खलने लगी है क्या करें सूरज चाँद सितारों का । हसरतें   हाथ नहीं  मलती आज इल्म जो होता हुस्न के इशारों […]

धुलेंगे पाप क्या  शाही   स्नान से ? बात करते हो बिलकुल नादान से । मोह,माया ,छल ,कपट,लोभ,हिंसा छूट पायेगा क्या आज  इन्सान से । बचाना होगा खुद से  ही खुद को नहीं आयेंगे फरिश्तें आसमान से । बेहद मुश्किल है जान लो दोस्तों लड़ना अपने अन्दर के शैतान से । […]

जब मोहब्बत था तो छुपाते क्यों रहे आग समंदर में फिर लगाते क्यों रहे ।।1।। जब जाना था ज़माने में रुसवा करके तो भरी महफ़िल में हक़ जताते क्यों रहे ।।2।। एक जुदाई भर की तुम्हारी हद थी तो हर मौसम मुझे अपना बताते क्यों रहे ।।3।। जब खत्म ही […]

           ज़िंदगी के कई दिन और कई राते यूँ हीं गुज़र जाते हैं । यही सोचते-सोचते कि आख़िर क्या हम वही सोच रहे हैं, जो हमें सोचना चाहिए था या हमारी सोच कुछ धुँधली तस्वीरों में अटकी हुई है, जिनका पर्दे पर तो कोई नामो-निशान नहीं […]

           लोकतंत्र की पृष्ठभूमि रचते हुए व्यक्ति के अधिकारों और स्वतंत्रता को पुरज़ोर रूप में स्थापित किया गया । यह कल्पना की गई कि प्रत्येक व्यक्ति अपने-आप में स्वतंत्र जीवन जीने का संकल्प रखता है और इस संकल्प को प्राप्त करने का अधिकार उसके पास सर्वथा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।