हाँ मोहब्बत है मुझे, अपनी तन्हाई से। जो तुम्हारे करीब, ले आती है। और प्यार के सागर में, डूबा देती है। जहाँ हम अपने को, जन्नत में पाते है।। हाँ मोहब्बत है मुझे, उन ख्वाबो से। जो रोज नींद में, तुम दिखाते हो। और अपने पास, हमें बुलाते हो। और […]

हा हा कार मचा चारो ओर, देख रही दृश्य ये दुनियां। फिर भी लोगो के दिलो में, जिंदा बची है मानवता।। दूरी बनाकर लोगों की, लोग ही कर रहे है मदद। क्या छोटा क्या बड़ा यहां पर, सबको एक सा देख रहे । जिन जिन से जो कुछ बन रहा, […]

कभी उन्होंने देखा ही नही, मुझे उस नजर से। जिसकी मैं उनसे, चाहत रखती हूँ। हूँ खूबसूरत तो क्या, जब उनकी निगाहें। मुझे पर ठहरती नहीं। तो क्या जरूरत ऐसे, रूप और यौवन का ? चंदन सा सुगन्धित मेरा वदन। उनको पास न लपता है। और न ही उनके दिलमें, […]

न दिल मेरा लग रहा, न मन मेरा लग रहा। एक अजब सी बेचैनी, मेरे दिलमें हो रही है। करु तो क्या करूँ में, दिल की बेचैनी के लिए। यदि हो कोई इलाज तो, मेरे जान तुम बता दो।। कब से तुम्हारे आने का, में कर रहा यहां इंतजार। न […]

मचल रहा है मेरा दिल, तुझे देखने के लिए। करू क्या अब में, बता दो तुम्ही कुछ। जिस से देख सकू, अपनी जानेमन को। और मचलते दिल की, तड़प को मिटा सके।। जबसे चढ़ा है तेरा प्यार, मेरे दिल दिमाग पर। कुछ भी दिखता नहीं, तेरे सिवाये अब मुझको। और […]

दिल की चाह सम्मान, पाने की कभी नहीं रही। लिखा मेरा शौक है, और हिंदी मेरी माँ हैं। इसलिए विश्व की ऊंचाइयां, मां को दिलाना चाहता हूँ। और माँभारती की सेवा करना, अपना फर्ज समझता हूँ।। इसलिए में साफ शुद्ध, बिना चापलूसी के लिखता हूँ। और माँ भारती के चरणों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।