मिले जब गैरो से प्यार, और अपने समझे बेकार। तो ऐसी स्थिति में हम, किसे अपना समझे ? जब अपने ही अपनो को, लौटे जा रहे हो । और फिर भी एहसान वो जताये जा रहे हो। तो ऐसो को अपना कहना, बड़ी भूल ही होगी।। परायें तो परायें है, […]

2 अक्टूबर का दिन, कितना महान है। क्योकि जन्मे इस दिन दो भारत मां के लाल है।। सोच अलग थी दोनों की, पर थे समर्पित भारत के लिए। इसलिए दिनों को हम लोग याद करते है। और दोनों के प्रति, श्रध्दा सुमन अर्पित करते है। और उन्हें दिल से आज […]

एक वो जमाना था जिसमें आदर सत्कार था। एक ये जमाना है जिसमें कुछ नहीं बचा। दोनों जमाने में यारो अन्तर बहुत है। इसलिए तो घरों में अब संस्कार नहीं बचे।। मांबाप छ: बच्चों का पालन पोशण कर देते थे। और छ: बच्चे मिलकर मांबाप को नहीं रख पाते। उन्हें […]

इस बात का डर है, वो कहीँ रूठ न जायेंI नाजुक से है अरमान मेरे, कही टूट न जायें।। फूलों से भी नाजुक है, उनके होठों की नरमी I सूरज झुलस जाये, ऐसी सांसों की गरमी I इस हुस्न की मस्ती को, कोई लूट न जाये I इस बात का […]

न खुशी की कोई लहर, हमे आगे दिखती है। जीवन और मृत्यु का डर, अब हमें नहीं लगता है। बस एक आस दिल में, सदा हम रखते है। अकाल मृत्यु न हो, इस काल में।। न कर पाते क्रिया कर्म, न बेटा निभा पाते धर्म। अनाथो की तरह से, किया […]

हंसते चीखते गली मोहल्ले, अब वीरान से हो गए है। शहर के सारे चौहराये, अब सुनसान हो गए है। पर घर परिवार के लोग, घरों में कैद हो गए है। और परिवार तक ही, अब सीमित हो गए है। और बनाबटी दुनियाँ को, अब वो भूल से गये है।। महानगर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।