वक्त का पहले से…मारा हूँ मैं। आसमाँ से टूटता…तारा हूँ मैं॥ घूमने की कामना…जगती रही। क्यूँ कहें सब आज आवारा हूँ मैं॥ जिसको चाहा वो नहीं मिलती मुझे। बस उसी से आज तक हारा हूँ मैं॥ क्यूँ नहीं मिलती…मंजिल मुझे। बस नदी की भटकी-सी धारा हूँ मैं॥ जिन्दगी तो खार […]

जीवन के तप्त मरू में, प्रेम सुधा बरसाना। प्रीतम जब भी हो, तुम लौट के आना॥ न जीने की है आस, हरदम रहूँ उदास। ख्वाबों में तुम ही खास, तुम लौट के आना॥ करती प्रिये प्रेम निवेदन, सुन करो सँवेदन। मन का होता भेदन, तुम लौट के आना॥ दर्पण तुझे […]

फासला कम मैं कर दिखाती हूँ। प्यार को अपने आजमाती हूँ॥ तिश्नगी मेरी क्यों नहीं बुझती। ओस से अपना दिल जलाती हूँ॥ आप-बीती चलो मेरी सुन लो। सभी छिपी बातें अब बताती हूँ॥ क्या मिला जान दे के भी मुझको। दिलजले से जिया लगाती हूँ॥ वो नहीं समझे प्यार को […]

बेहद उदास असमर्थ-सी उन बेपरवाह उबड़-खाबड़ संकरे-चौड़े घुमावदार रास्तों से भागते-दौड़ते आगे ही आगे उन्नति के लिए सिर्फ अपने ही बिषय में सोचते उपेक्षित करते जाते उसमें भरते जाते जहरीली निशा निरर्थक और व्यर्थ समझ उसकी चमक सौंधी गंध खो रही है खो गई है वो मुस्कुराने की आस में […]

दीनों इमां के वास्ते लाई गई ग़ज़ल, लैला के इश्क़ में भी डुबाई गई ग़ज़ल। वादों से जब अवाम का था पेट न भरा, रोटी के लिए खूँ से लिखाई गई ग़ज़ल। मादरे वतन पे जब भी आंच आई तो, गंगो जमन की राग में गाई गई ग़ज़ल। इंसानियत का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।