जब चाँद मद्धम पड़ने लगे, तहे दिल से जलने लगे.. पर-प्राणी प्रकाश देख, प्रसन्न होने लगे.. समझिए,परिवेश में सूर्य का उदय हुआ है। ———— #मिट जाना है ———— गर्व लिए बादल घुमड़ा था, बादल में पानी गहरा था.. बिजली चमकी,बरसा पानी, बरसा पानी बह जाता है.. कथा जनम-मरण की कह […]

पूछा था मैंने हालचाल इस ख्याल से, चेहरा हसीं दिख जाएगा आज फिर ख्बाब में.. मत पूछिए क्या भेजा उसने खत के जबाब में, तमाम फूल सूखे हुए इक बंद रुमाल में.. मत पूछिए क्या…………। खुशबूएँ वो मोगरे की लौटा दी उसने सारी, खोल पन्ने किताब के तितलियां उड़ा दी […]

हम अपने देश के विकास के लिए आयकर देते हैं। पिछली सरकार के 10 वर्षों में और पहले की भी कई सरकारों के कार्यकाल में बहुत से भ्रष्टाचार के मामले सामने आए। इन भ्रष्टाचारियों द्वारा लूटा गया पैसा हम सबने देश का विकास करने के लिए आयकर के रुप में जमा […]

वृद्घों-विधवाओं की एक मात्र सहारा पेंशन है, पर इसमें होती दलाली जो बहुत बड़ी टेन्शन है। मैं तो कहता हूँ इन दलालों की बवालबाजी बन्द करो, पेंशन बनवाने में होने वाली तिकड़मबाजी बन्द करो। ये दलाली होती है बैंकों और दलालों की साठगांठ से, उसी पेंशन से ये दलाल जीते […]

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धूप जैसे बरसती रही प्यार की, ज़िंदगी गुनगुनी-सी सिंकती रही.. तेरे वजूद की गर्मियाँ ही तो थीं, सर्द मौसम में दुशाले-सी लिपटी रहीं। धुंधली होती रही जो वक्त की गर्द से, उन लम्हों की महक अब भी बाकी तो है.. भीनी-भीनी सही,पर मिट न सकी, रुह के नूर में जैसे […]

धन और ईमान, धन सुखी ईमान परेशान.. धन बोला अकड़ से,मेरी अनोखी शान, ईमान बोला शिष्टता से देते मुझे सब मान.. दो मित्र धन और ईमान…..। धन और ईमान, पढ़ें एक ही स्कूल में.. ईमान खोया किताबों में, धन डूबा स्वीमिंग पूल में.. दो मित्र धन और ईमान….। धन और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।