न गम है अब मेरे साथ, न खुशी है अब मेरे साथ। जो भी थे मेरे साथ तब, जब में खिलता गुलाब था।। समय ने क्या से क्या, हमें बना दिया आज। जब वो नहीं है मेरे साथ, सिर्फ यादे ही है उनकी। जिन के सहारे जीता, चला जा रहा […]

न दिल भरता है न प्रभु मिलता है। बस चारो तरफ अफरातफरी का माहौल है।। न प्रश्न बचे है न उत्तर मिले है। प्रश्नों पर प्रश्न ही लोगो ने खड़े किये है।। न समानता पहली थी और न आज है। पर बाते समानता की हमेशा होती है।। पर समानता आज […]

हिसार | नवोदित लेखकों को मंच प्रदान कराने के उद्देश्य से पिछले इक्कीस साल से चलाए जा रहे मासिक काव्य गोष्ठी कार्यक्रम के अन्तर्गत नगर की प्रमुख साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था प्रेरणा परिवार की मासिक काव्य गोष्ठी स्थानीय टाऊन पार्क में संस्था निदेशक शुभकरण गौड़ की अध्यक्षता में आयोजित की […]

किसी को क्या पता था, की ऐसा भी दौर आएगा। जिसमें इंसान इंसान से, दूरसे ही राम राम करेगा।। कहाँ हमसब हिल मिलकर, एक समाज में रहने वाले। अब अपनो से दूर रहने को, हम ही कह रहे। सचमुच में लोगों ये, कैसा दौर आ गया है।। जिसमें इंसान इंसान […]

रावण कहता है एक बात मेरी सुन लो। क्यों वर्षो से मुझे यू जलाये जा रहे हो। फिर भी तुम मुझे जला नहीं प् रहे हो। हर वर्ष जलाते जलाते थक जाओगे। और एक दिन खुद ही जल जाओगे।। मैंने सीता को हरा, हरि के लिए। राक्षक कुल की मुक्ति […]

कर कर के मैं थक गया जीवन भर काम। सबको व्यवस्थित करके किया अपना काम। जब आया थोड़ा सा मौका मिल ने को आराम। तभी थमा दिया मुझे एक प्यारा सा पैगाम। जाकर तुम अब देखो पुन: एक नया काम। वाह री मेरी किस्मत और वाह रे मेरा नसीब। कभी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।