तुम संभल के रहना,वो जीना मुहाल कर देगा ये सियासत है प्यारे, दो पल में बेहाल कर देगा वो ताँक में बैठा है तुम्हारे हर एक कदम पर ही तुम गलतियाँ भी नहीं करोगे,वो सवाल कर देगा अपनी ही परछाईं कैसे खुद को डराने लगती है तुम कुछ देर तो […]

मैं उसके दिल में रहा,पर उसका हो न सका किराए पे रह कर भी तो सदी गुजरती है हर दिए से रोशनी आए ये कोई शर्त तो नहीं पहाड़ों से छिटक कर भी रोशनी बिखरती है आईना ही आखिरी मुंतजिर नहीं हुश्न का धूल और मिट्टी में भी मूर्तियाँ सँवरती […]

एक अरसे से मैं बुझा ही नहीं मैं कश्मीर हूँ,जलना ही मेरी नीयत है क्या रावी तो कभी चेनाब से धुआँ उठता है चिनार से पूछो ये अच्छी तबियत है क्या सेब के बगीचे वो केसर की क्यारियाँ खुशबू बिखेरती फ़ज़ा हो गई रुखसत है क्या डल झील के शिकारों […]

ये बच्चा सच बहुत बोलता है,यहाँ जी नहीं पाएगा ज़माने के मुताबिक इसे झूठ भी सिखलाइए जरा बेशुमार खुशी बयाँ कर दी सरे-महफिल आपने हर एक खुशी में छिपा दर्द भी दिखलाइए जरा ये सारे नए वायदों की सरकार है मेरे हुज़ूरे-वाला एक बार वोट देके देखिए,फिर मुस्कुराइए जरा कब […]

इन आँखों को नूर नहीं जुनून चाहिए काजल करने के लिए ताज़ा खूँ चाहिए गीत,ग़ज़ल,कविता,नज़्म सब बोलती हैं जिससे हज़रात क़त्ल हो,मजमून चाहिए जिस्म में गर्मी,लबों पे आग,अदाओं में चुभन इन्हें अब दिसम्बर में भी जून चाहिए हलाल करके बन्द ज़ुबानों को जो मिले कातिलों की पसन्द वाला ही शुकूँ […]

मेरे मोहल्ले में झूठ का बाज़ार आ गया है दरवाज़ा खोलके देखो,अखबार आ गया है जिन नन्हीं हथेलियों को खिलौनें चाहिए थीं उन हाथों में खतरनाक औज़ार आ गया है इंसाँ सब बँट गए हिन्दू और मुस्लिम में धर्म के ठीकेदारों को कारोबार आ गया है पूँजीपतियों की नींदें हराम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।