(कुलभूषण जाधव की फाँसी पर सवाल) न मानेगा धूर्त पड़ौसी,शांति की वार्ताओं से, अब हल नहीं निकलेगा,सिर्फ कड़ी निंदाओं से। कुलभूषण की फाँसी पर,क्यों मौन साधना साधे हो, अफजल के चाचाओं,क्या सिर्फ दुश्मन के प्यादे हो। सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर,रतजगा-सा कर डाला, एक आतंकी की फांसी पर,रोए थे […]
काव्यभाषा
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