चलो उस जिन्दगी को ढूंढने निकलते हैं, जो बार-बार मचलती है,बार-बार फिसलती है.. जो बार-बार छटपटाती है,जो बार-बार अपना हाथ छुड़ाती है, चलो उस जिन्दगी को ढूंढने निकलते हैं …..l एक बार जब मैं निकला था साँसों की तलाश में, कुछ कर गुजरने की आस में.. फँस गया प्रवंनाओं के जाल में, खो गया […]
काव्यभाषा
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