इश्क में, नयनों की भाषा अजीब होती है वो मिलन का इशारा दे गई, इस हृदय में आज भी इश्क भरपूर जज्बा है, कौन कहता है कि ये इमारत खण्डहर हो गई। इश्क में बताया नहीं जाता कि, उसने क्या पाया हमने कौन-सा राग गाया, रागों की जुगलबन्दी में दिलों […]

मेरी प्यारी माँ, धरती से बड़ी है छोटा है आसमाँ, मेरी प्यारी माँl जाऊँ मैं कहीं भी, जाऊँ मैं कभी भी बना देती है रोटी, गरम स्वादिष्ट सब्जी संग पूरी छोटी-छोटीl छोड़ने से पूर्व गाँव, छूता हूँ भाव से पाँव छूकर स्नेह से शीश, देती है आशीषl खूब पढ़ो,आगे बढ़ो, […]

इस दीवाली तुम भी तो मिट्टी के दीप जलाना। कुम्हार के मेहनतकश हाथों की रौनक बढ़ाना॥ मिट्टी के दीपों में बाती तेल की खुशबू , दीवाली की रंगत बढ़ाएगी। दीए बेचने वाली बूढ़ी अम्मा,आशीर्वाद हाथ तभी लहराएगी॥ इस दीवाली तुम भी तो मिट्टी…। चाइनीज लड़ियों में कृत्रिमता भरी पड़ी है। […]

तुम आ गए,आ जाओ अब तो हनीप्रीत भी आ गई। तुम पर हिंसा के आरोप लगे हैं,उस पर भी लग रहे हैं। बड़े ही धीरे-धीरे सधे कदमों से आ रहे हो। हनीप्रीत जब साथ हो तो भला तेज कैसे चला जा सकता है। तुम्हारे आने की आहट और हनीप्रीत के […]

मैं कौन हूँ ? इसी सवाल के जवाबों के बीच, मैं मौन हूँ। ‘अहम् ब्रह्मास्मि’, क्या मैं ब्रह्म हूँ ? या ब्रह्मांश हूँ या शून्य तले पड़ा हुआ शून्य हूँ ? आखिर मैं कौन हूँ ? इसी सवाल के जवाबों के बीच मैं मौन हूँll            […]

साथ तुम्हारा पाकर जीवन की सैर करने चला था, थी साथ तुम तो , तूफाँ भी मुझसे डरा था। चपल चतुर खिव्वैया बन जीवन की नैय्या को, संचालित करती रही चप्पू उनके उनके हाथ देख था बेखबर मैं, नैय्या तूफानों से लड़ती रही, देख सेवा,कर्मठता,जीवटता इनकी, तूफाँ भी शांत हो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।