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मनमोहन मौनी रहे,मोदी में प्रतिशोध,
प्रथम देश अरु धर्म है,करते वो संबोध
करते वो संबोध,घूस न कोई कमाए,
कभी न होवे न्यून,विश्व में पांव जमाए
कह ‘विराट’ कविराय,बनें हम शक्तिमान जन,
रोजगार हर हाथ,तभी हर्षित होगा मन॥
श्रीमन्नारायणाचार्य ‘विराट’
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