पलभर की खुशियों से यहां क्यों मुस्कराना,
पग-पग की कठिनाई को देख क्यों घबराना।
बदलते रहते क्षण कहते हैं इसी को जिंदगी,
चलें साहस से सदा मिले खुशियों का तराना।
मंजिल दूर नहीं हौंसले ही कमजोर होते हैं,
साहस से चलें,खुली राहें चहुं ओर होती हैं। देख कठिन राहों को कभी सीखा नहीं घबराना, सच्चाई की राहों में विपदा घनघोर होती हैं।
कठिन राहों से कभी सीखा नहीं घबराना,
पलभर की खुशियों से क्यों यहां इतराना,
चलने की आदत,कठिन राहों पर हमारी,
कांटों पर चलकर भी सीखा है मुस्कराना।
हर मुलाकात को आओ बना दें हम यादगार,
लेखनी से फैलाएं आओ मानवता का प्यार,
अंधकार होगा न कहीं धरा में राग-द्वेष का,
कलम की शक्ति साहस को नमन हमारा बारम्बार।
#भुवन बिष्ट
परिचय: भुवन बिष्ट का जन्म स्थान-रानीखेत और जन्म १ जुलाई १९८० को हुआ हैl आपका निवास मौना (रानीखेत) जिला-अल्मोड़ा (
उत्तराखंड) में हैl आपने परास्नातक के साथ ही बी.एड.भी किया हैl साथ ही मास्टर इन कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर टेक्नोलाजी,डिप्लोमा इन हार्डवेयर टेक्नोलाजी एन्ड नेटवर्किंग भी किया हुआ हैl निरंतर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कविता,लेख तथा कहानी लेखन आदि प्रकाशित होते हैंl आपको काव्य भूषण सम्मान,बाल कविता लेखन में पुरस्कृत,भारत विकास परिषद द्वारा सम्मान मिला हैl आकाशवाणी अल्मोड़ा से रचनाओं का प्रसारण,रेडियो स्टेशन कुमांऊ से भी रचनाओं का प्रसारण हुआ हैl प्रकाशित पुस्तकोण में `जीवन एक संघर्ष`(काव्य संग्रह)हैl कुछ प्रकाशन प्रक्रिया में हैंl