आओ बातें करें हम

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kartikey
आओ बातें करें हम
सारे सुधीजन ,
बीते दिनों की
कहानी कहें हम ,
राजा और रानी की
सात भाइयों की ,
खरगोश, कछुए की
लंबी दौड़ की ,
चूहे और शेर के
छोटे-से वादे की ,
प्यासे कौवे की
गजब चतुराई ,
मगर और बंदर के
मीठे कलेजे की ,
हुआँ – हुआँ करते
नीले सियार की ,
सोने के अंडे की
बंदर के बटवारे की
और उसकी नकल की ,
आओ बातें करें हम॥
पंच परमेश्वर के
अलगू और जुम्मन की ,
दादी के चिमटे की
हार या जीत की ,
हींग वाले खान की
या फिर गोदान की ,
आओ बातें करें हम॥
चल रे मटके टम्मक टू
नानी तेरी मोरनी की ,
या चंदा मामा दूर के
मोटू और पतलू की ,
या कार्टून कोना ढब्बू की ,
चँदृगुप्त चाणक्य की
या चँद्रकाता तिलस्म की ,
मालगुडी डेज और
मधुशाला बच्चन की ,
पुष्प की अभिलाषा हो
या कदंब का पेड़ हो ,
चंदन चाचा के बाडे़ में
या खूब लडी़ मर्दानी हो ,
आल्हा और उदल की
वीर राणा सांगा की ,
घास की रोटी हो
या ममता की कसौटी पर
कसी पन्ना धाय हो ,
आओ बातें करें हम॥
गीता ,महाभारत की
रामायण , पुराणों की ,
या बाइबिल और कुरान की ,
हिमालय के शिखर की
जाडे़ और धूप की ,
वर्षा की मस्त फुहारों की
पेड़ों और फलों की ,
माँ और मिट्टी की
सोंधी-सोंधी महक की ,
कल-कल बहती गंगा
और निर्झर झरनों की ,
आओ बातें करें हम॥
लाल ,बाल ,पाल की
या सुभाष आजाद की ,
थोडी़-सी भगत की
थोडी़ खुदीराम की ,
लता की आवाज की
कल्पना उड़ान की ,
उषा की छलांग की
सचिन के बल्ले की
साक्षी के बाजू की ,
ध्यानचंद की हांकी और
आनंद के मोहरों की ,
क्रिकेट और कबड्डी में
भारत की जीत की ,
आओ बातें करें हम॥
अपने मन की
तुम्हारे मन की ,
आस्था के चरम की
और थोड़े धरम की ,
बेटियों के सार की
मित्र-परिवार की ,
अहम छोडे़ भाव की
योग-व्यायाम की
हास्य-मुस्कान की ,
तिरंगे के जयघोष की
और हिन्दुस्तान की ,
आओ बातें करें हम।
आओ बातें करें हम॥

                                                               #कार्तिकेय त्रिपाठी

परिचय : कार्तिकेय त्रिपाठी इंदौर(म.प्र.) में गांधीनगर में बसे हुए हैं।१९६५ में जन्मे कार्तिकेय जी कई वर्षों से पत्र-पत्रिकाओं में काव्य लेखन,खेल लेख,व्यंग्य सहित लघुकथा लिखते रहे हैं। रचनाओं के प्रकाशन सहित कविताओं का आकाशवाणी पर प्रसारण भी हुआ है। आपकी संप्रति शास.विद्यालय में शिक्षक पद पर है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।