मातृ दिवस

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अपने अन्तः स्तल में दबाकर दर्द सारे,
आँचल से ढककर अपने बच्चे सारे।

वसु को अपनी प्यारी शैय्या बनाकर,
गगन को अपनी सुंदर रजाई बनाकर।

सुलाती है बच्चों को लोरियाँ गाकर,
थकती नहीं कभी बच्चों को दुलारकर।

कांटों की चुभन को सहती जो हँसकर,
अंगारों में कूद जाती बच्चों की खातिर।

माँ दुर्गा का रूप धारण करने वाली,
बच्चों के लिये बन जाती महाकाली।

भूखी रहकर बच्चों का पेट भरने वाली,
सहनशीलता, संवेदनशीलता वाली।

ऐसी माँ के लिये क्या इक दिवस है,
पूजने के लिये उसे बस इक दिवस है!

रखती नौ माह गर्भ में जो बच्चे को,
भयंकर प्रसव पीड़ा सहन करती जो।

हर ख़ुशी कर देती न्यौछावर जो,
बच्चा कुछ बने ख्वाहिश रखती जो।

ख़ुद को मिटाकर वात्सल्य लुटाती जो,
बांहों में लेकर आनंदित करती जो।

उस माँ के लिये इक दिवस ख़ास हो,
केवल इक दिवस ही ख़ास हो!

कैसी यह विडम्बना है?

माँ! तुम तो हर पल, हर क्षण में ख़ास हो,
जीवन की तुम ही तो इक आस हो।

माँ! तुम जीवन दायिनी हो,
माँ! तुम कष्टनिवारिणी हो।

शत–शत नमन, लख–लख नमन,
खिलता रहे तुम्हारा ये गुलशन।

#श्रीमती प्रेम मंगल
राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य
मातृभाषा उन्नयन संस्थान, भारत

matruadmin

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।