पुस्तक दिवस पर विचार प्रवाह ने मनाया रचना उत्सव

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पुस्तकें प्रलय को सृजन में बदलने की क्षमता रखती – श्री माहेश्वरी

श्री कौतुक व श्री ठाकरे को किया सम्मानित

इंदौर। शहर की साहित्यिक संस्था विचार प्रवाह साहित्य मंच चलो चलें किताबों की ओर अभियान चलाएगी। इस अभियान के तहत युवाओं और स्कूली बच्चों के बीच विभिन्न साहित्यिक और बौद्धिक आयोजन होंगे।

विश्व पुस्तक दिवस पर रविवार शाम मंच द्वारा आयोजित रचना उत्सव में उक्त घोषणा की गई। मंच की संस्थापक अध्यक्ष श्रीमती सुषमा दुबे ने यह घोषणा करते हुए अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत की।

इंदौर प्रेस क्लब सभागृह में रचना उत्सव का आयोजन हुआ जिसमें पुस्तकों पर आधारित रचना पाठ, पुस्तक के महत्व पर व्याख्यान हुआ और दो वरिष्ठ रचनाकारों श्री सदाशिव कौतुक और श्री कांतिलाल ठाकरे का सम्मान किया गया। श्री ठाकरे की अनुपस्थिति में उनके पुत्र श्री अरुण ठाकरे ने सम्मान ग्रहण किया।

अध्यक्षता करते हुए मासिक बाल पत्रिका देवपुत्र के कार्यकारी संपादक श्री गोपाल माहेश्वरी ने पुस्तक को कल्पवृक्ष के समान बताया और कहा कि पुस्तकें प्रलय को सृजन में बदलने की क्षमता रखती हैं। मुख्य अतिथि वरिष्ठ ग्रंथपाल श्री कमलेश सेन थे। अपने सम्मान के प्रत्युत्तर में वरिष्ठ साहित्यकार श्री सदाशिव कौतुक ने कहा कि पुस्तकों ने मुझे जीवन में बहुत कुछ दिया है, पुस्तकें लिखते वक्त मैंने कभी ऐसी कल्पना भी नहीं की थी। मंच पर वरिष्ठ लेखिका श्रीमती मनोरमा जोशी भी मौजूद थीं।

मंच के अध्यक्ष मुकेश तिवारी ने संस्था और अतिथि परिचय दिया। सरस्वती वंदना अर्चना पंडित ने की। अतिथियों का स्वागत देवेन्द्र सिंह सिसौदिया, माधुरी व्यास, डाॅ. दीपा व्यास, मनीष व्यास आदि ने किया। संचालन निरुपमा त्रिवेदी ने किया। आभार महासचिव अर्चना मंडलोई ने माना।

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।