इन्दौर। कवियों का मन जितना कोमल होता है, उसी तरह उनका जीवन भी होता है। वे समाज के लिए अपना अर्पण करते हैं। ऐसा एक कार्य इन्दौर के सुप्रसिद्ध कवि और श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति के प्रबंधकारिणी सदस्य प्रदीप नवीन ने किया। हाल ही में उनकी सद्य प्रकाशित दो […]

इन्दौर। श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति, इंदौर द्वारा “साहित्यिक समीक्षा” पर केंद्रित एक और नियमित आयोजन प्रारंभ किया जा रहा है इसमें प्रति माह के अंतिम शनिवार को किसी एक “चर्चित पुस्तक” पर चर्चा संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। शोधार्थी, पाठक और साहित्यकारों के बीच होने वाली इस बौद्धिक चर्चा […]

इंदौर। विश्व पुस्तक व कापीराइट दिवस पर मध्य भारत हिन्दी साहित्य समिति में श्री दयानंद शिक्षण समिति द्वारा संचालित माधव विद्यापीठ विद्यालय की प्राचार्य डॉ. निशा भाटिया का सम्मान किया गया।विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर इन्दौर संभाग पुस्तकालय संघ द्वारा किए गए इस कार्यक्रम में बाल पत्रिका देवपुत्र के […]

पुस्तकें प्रलय को सृजन में बदलने की क्षमता रखती – श्री माहेश्वरी श्री कौतुक व श्री ठाकरे को किया सम्मानित इंदौर। शहर की साहित्यिक संस्था विचार प्रवाह साहित्य मंच चलो चलें किताबों की ओर अभियान चलाएगी। इस अभियान के तहत युवाओं और स्कूली बच्चों के बीच विभिन्न साहित्यिक और बौद्धिक […]

इंदौर। खड़ी बोली के सशक्त कवि तथा संस्कृत छन्दों को हिन्दी में प्रस्तुत करने वाले अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध को सादर स्मरण करते हुए श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति ने कालजयी रचनाकार स्मरण शृंखला में उन्हें याद किया। पहले उनके चित्र के साथ प्रिय प्रवास की एक रचना को रेखांकित […]

बाल साहित्य की रचना करना आसान नहीं- श्री माहेश्वरी संस्मय सम्मान से श्रीमती मंगल सम्मानित इन्दौर। वरिष्ठ लेखिका प्रेम मंगल की बाल कविताओं के संग्रह मेहेर का लोकार्पण क्षेत्रीय कार्यालय जीपीओ सभागार में सोमवार को हुआ। संस्मय प्रकाशन द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन व सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि पोस्ट मास्टर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।