गोंदिया। नगर की एकमात्र साहित्यिक संस्था साहित्य मण्डल, बौद्धिष्ट समाज संघ एवं साप्ताहिक समाचार पत्र युवा वायु के संयुक्त तत्वावधान में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन संथागार, क्रीड़ा संकुल के पास, गोंदिया में किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि श्री माणिक गेडाम ने की। प्रमुख अतिथि के रूप में साहित्य मण्डल के उपाध्यक्ष श्री रमेश शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार श्री युवराज गंगाराम, संथागार व्यवस्थापक श्री रोशन मडामे, साप्ताहिक समाचार पत्र युवा वायु के संपादक श्री अखिलेश यादव मंच पर उपस्थित थे।
प्रारंभ में मंचासीन अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया गया। इसी अवसर पर कवि श्री मनोज बोरकर ‘मुसव्विर’ का भी उनका जन्मदिन होने पर शॉल श्रीफल एवं पुष्पगुच्छ देकर अभिनंदन किया गया। साथ ही केक काटकर जन्मदिन मनाया गया। सभी कवियों एवं उपस्थितों ने उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
तत्पश्चात देश के प्रख्यात कवि श्री मंतोष मजूमदार, इलाहाबाद (उत्तरप्रदेश) के शानदार मंच संचालन में विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रख्यात कवियों ने काव्यपाठ किया।
इन आमंत्रित कवियों में श्री प्रणय श्रीवास्तव ‘अश्क़’, वारासिवनी (मध्यप्रदेश), श्री प्रदीप दर्शन, झालीवाड़ा (मध्यप्रदेश), श्री किशोर सागर, बालाघाट (मध्यप्रदेश), श्री लक्ष्मीचंद ठाकरे, डोंगरिया (मध्यप्रदेश), श्री कुंजकिशोर विरूरकर, बालाघाट (मध्यप्रदेश), श्री सुदामा आक्रांत, नागपुर (महाराष्ट्र), श्रीमती अस्मिता आरजू, बालाघाट (मध्यप्रदेश), श्री रमेश शर्मा, गोंदिया (महाराष्ट्र), श्री माणिक गेडाम, गोंदिया (महाराष्ट्र), श्री प्रकाश मिश्र, गोंदिया (महाराष्ट्र), श्री छगन पंचे छगन, गोंदिया (महाराष्ट्र), श्री सुरेश बंजारा, नागपुर (महाराष्ट्र), श्री युवराज गंगाराम, गोंदिया (महाराष्ट्र), श्री असीम आमगांवी, आमगांव (महाराष्ट्र), श्रीमती प्रियंका रामटेके सजल, आमगांव (महाराष्ट्र), श्री मनोज बोरकर मुसव्विर, गोंदिया (महाराष्ट्र), श्री निखिलेशसिंह यादव, गोंदिया (महाराष्ट्र), श्री रूपचंद जुम्हारे, गोंदिया (महाराष्ट्र), श्री हलचल बालाघाटी, बालाघाट (मध्यप्रदेश), श्री नन्दू वानखड़े, वाशिम (महाराष्ट्र), डॉ. नूरजहाँ पठान, गोंदिया (महाराष्ट्र), श्री हेमंत ईमानदार आमगांव महाराष्ट्र ने जानदार काव्यपाठ किया। आरंभिक कार्यवाही का संचालन छगन पंचे ने एवं आभार मनोज बोरकर मुसव्विर ने माना।
कार्यक्रम के सफलतार्थ आयोजक समिति ने अथक परिश्रम किया। स्नेहभोज के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।