मर्दानी

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शक्ति स्वरूपा नारी हो तुम,
तुमको शत शत करूं नमन।
नारी जाति की शोभा हो तुम,
हम सबकी प्रेरणा हो बस तुम।

नारी नहीं है अबला जग में,
ये साबित करके दिखलाई तुम।
मनु छबीली हैं नाम तुम्हारे,
करतब थे तुम्हारे न्यारे न्यारे।

14 बरस में ब्याह रचा कर,
झांसी में रानी बनकर आई।
राजा गंगाधर की रानी बनकर ,
झांसी की रानी तुम कहलाई।

एक दिन बुरा वक़्त फिर आया,
किस्मत ने कुटिल रंग दिखाया।
छीन लिया रानी से राजा,
प्रजा से छीना उसका राजा।

अंग्रेजो ने तब जाल बिछाया ,
झांसी पर संकट का बादल छाया।
उठ खड़ी हुई तब बन कर दुर्गा,
लक्ष्मी अपना राज्य बचाने को।

कस ली कमर फिर अपनी तूने,
अंग्रजी दुश्मन को धूल चटाने को।
सुंदर कोमल चंचल सी तितली,
दुश्मन पर गरजे बनकर बिजली,

शस्त्र , शास्त्र विद्या विद्या की ,
लक्ष्मी तुम थी महान ज्ञाता।
घुड़सवारी और युद्धकौशल
तुमको था बहुत ही भाता।

सारंग घोड़े पर फिर हुई सवार,
तलवार दोनों हाथों में लेकर।
कूद पड़ी फिर युद्ध क्षेत्र में,
ज्वाला चंडी काली बनकर।

1857 में स्वतंत्रता संग्राम की ,
खुद लक्ष्मी ने फिर की अगुवाई।
धूल चटा कर अंग्रेजी सेना को,
जग में मर्दानी तू कहलाई।

वायु सी तीव्रता बिजली सी चपलता,
तेरे आगे कोई दुश्मन ना टिकता।
1858 में 30 बरस की आयु में,
वीरांगना वीरगति को प्राप्त हुई।

इतिहास के पन्नों पर लक्ष्मी तुमने,
इतिहास नया एक रच डाला ।
नारी को कोमल अबला ना समझो,
ये सारे जग को बतला डाला।

तेरी गौरव गाथा सुनकर दिल में,
देश भक्ति की रस धार बहे।
इतिहास के पन्नों पर सदा ही,
मर्दानी अमर तेरा नाम रहे।

रचना
सपना ( स० अ०)
जनपद औरैया

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।