जीवन के क्षण लिखूंगी,
अधिकारों को समझूँगी..
कर्तव्यों को निभा के मैं,
नए अध्याय को जुड़ूंगी…ll
विचारों का मंथन,
दूसरों का आचरण..
कर्तव्यों को निभा के मैं,
जीवन का दर्पण देखूँगी…ll
आस में विश्वास कर,
ढूंढा अपनों का साथ..
कर्तव्यों को निभा के मैं,
जीवन में विश्वास रखूँगी…ll
सबको प्रेम की छाया,
मन की भावना देखा..
कर्तव्यों को निभा के मैं,
जीवन निस्वार्थ सोचूँगी…ll
इक हाथ दे आगे,
फिर साथ चलना..
कर्तव्यों को निभा के मैं,
जीवन में साथ चलूँगी…ll
समय के साथ रह,
किस्मत की चाह..
कर्तव्यों को निभा के मैं,
जीवन चक्र समझूँगी…ll
अधिकारों का स्मरण,
नंदिता को है लिखना..
कर्तव्यों को निभा के मैं,
जीवन का अधिकार कहूँगी…ll
#नंदिता
All the best rachna Nandita ji …
Dil ko chju gayi…
Dil ko lene wale khubsurat Rachna Nandita Ji.
तहे दिल से आभार सर