दतिया।
मध्यप्रदेश से प्रकाशित होने वाली हिंदी मासिक पत्रिका आदित्य संस्कृति नामचीन पत्रिकाओं में से एक है। इस पत्रिका का वर्तमान अंक सुविख्यात साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ता और अभियंता डॉ अवधेश कुमार अवध के साहित्यिक अवदान एवं सामाजिक सहभागिता पर आधारित है। कोविड-19 की बाध्यता को देखते हुए इसका विमोचन आनलाइन किया गया।
उत्तर प्रदेश के चन्दौली जनपद के मूल निवासी डॉ अवधेश कुमार अवध मेघालय में इंजीनियर रहते हुए भी ह़िदी साहित्य सृजन में अगाध निष्ठा रखते हैं। प्राचीन विरासत, राष्ट्रीयता एवं समसामयिकता इनकी रचनाओं में देखी जा सकती है। भानु प्रकाश शर्मा के संपादन तथा पूर्वोत्तर की साहित्यकार डॉ वाणी बरठाकुर विभा के अतिथि संपादन में यह अंक निकाला गया है। विमोचन के भव्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ प्रतिभा पॉल, विशिष्ट अतिथि डॉ वासुदेवन शेष, सारस्वत अतिथि जगत प्रकाश शर्मा, संपादक एवं अध्यक्ष भानुप्रकाश शर्मा अतिथि डॉ ममता बनर्जी मंजरी, डॉ अनीता पंडा, डॉ हीरेन्द्र कुमार भगवती, सर्वमंगला सौंम सहित दो सौ साहित्य प्रेमी एवं पत्रिका प्रवंधन के जुड़े लोग उपस्थित थे। इस अंक में प्रबुद्ध लेखकों द्वारा पूर्वोत्तर भारत का सजीव चित्रण भी किया गया है। चालीस पृष्ठ के इस विशेषांक में पचास लोगों ने लेखकीय सहयोग से पत्रिका को महत्वपूर्ण बनाया है। सरस्वती वंदना एवं संचालन डॉ वाणी बरठाकुर विभा ने किया।